NEWS TODAY CG : सरकारी जमीन बचाने के लिए हाई कोर्ट से अतिक्रमण हटाने का आदेश हाथ में आते ही पुलिस हथकड़ी पहनाने में जुटी, छत्तीसगढ़ में सरकारी सिस्टम “भू-माफियाओ” के कब्जे में

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रायपुर : छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उनकी सरकार बेश कीमती जमीनों पर अतिक्रमण और कब्जे से मुक्ति के मामलो को लेकर भी सुर्खियां बटोर रही है। रायपुर से सटे धरसीवां में बस स्टैंड से लगी सरकारी जमीन पर तने शॉपिंग काम्प्लेक्स को अतिक्रमण मुक्त करने के लिए बिलासपुर हाई कोर्ट ने फरमान जारी किया है।

बताते है कि गांव की निस्तार की भूमि को दबंगो ने अपने कब्जे में लेकर उस पर शॉपिंग काम्प्लेक्स तान दिया है। बताते है कि इलाके की ग्राम पंचायत लगातार निस्तारी भूमि पर अतिक्रमण की शिकायत करती रही। लेकिन रायपुर जिला प्रशासन द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाये गए। इसके बाद पीड़ित पंचायत को हाई कोर्ट का रुख करना पड़ा था। 

बताया जा रहा है कि ग्राम पंचायत रैता की ओर से दायर याचिका पर अदालत का फैसला आते ही सरपंच की जान पर बन आई है। जानकारी के मुताबिक सरपंच विद्याभूषण वर्मा के हक़ में अदालत ने फैसला सुनाते हुए सरकारी जमीन से बेजा कब्ज़ा हटाने और अतिक्रमण मुक्त करने के निर्देश प्रशासन को दिए है।

इसके बाद राजनीती भी तेज हो गई है। बताते है कि भू-माफियाओ ने पीड़ित सरपंच को अदालत का आदेश रद्दी की टोकरी में डालने की धमकी देते हुए, स्थानीय थाने में बिठवा दिया है। पीड़ितों के मुताबिक दबाव पूर्वक की जा रही, यह कार्यवाही स्थानीय विधायक के निर्देश पर की जा रही है।

पीड़ित सरपंच विद्याभूषण वर्मा के मुताबिक सार्वजनिक निस्तार की भूमि को बचाने के लिए प्रशासन ने कोई रूचि नहीं ली थी। उनके मुताबिक व्यक्तिगत खर्च कर उन्होंने क़ानूनी लड़ाई लड़ी। इस सरकारी जमीन को बचाने के लिए अपना खून-पसीना बहाया, बदले में प्रशासन ने उनके खिलाफ धारा 151 के तहत मामला दर्ज करने की धमकी दी है। सरपंच ने कहा कि स्थानीय थाने की पुलिस दो दिनों से परेशान कर रही है, उन्हें मुक़दमा वापिस लेने के लिए दबाव बनाया गया है। 

बताते है कि पीड़ित सरपंच को हथकड़ी लगा कर अदालत तक ले जाने की चेतावनी भी दी गई है। पीड़ित सरपंच और स्थानीय ग्रामीण थाने के चक्कर काट रहे है, वे बताते है कि गांव में तनाव के हालात है, सरपंच की रिहाई की मांग को लेकर नाराज ग्रामीणों का जमावड़ा चर्चा में है।