NEWS TODAY BREAKING : छत्तीसगढ़ की सुपर सीएम सौम्या चौरसिया के काले कारनामो की लम्बी फेहरिस्त, आज सुनवाई, अदालत में भी बघेलखण्ड का रिकॉर्ड तोड़ प्रदर्शन, हैरत में वकील

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बिलासपुर / रायपुर : छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट बिलासपुर में राज्य की सुपर सीएम सौम्या चौरसिया के मामले को लेकर आज भी गहमा-गहमी है। अदालत में तय समय पर अभियुक्त सौम्या चौरसिया की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और उनकी टीम ने मोर्चा संभाला जबकि केंद्रीय प्रवर्तन निर्देशालय की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस वी राजू उपस्थित हुए।

बताते है कि करीब एक घंटे तक अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस वी राजू ने अपनी दलीले जारी रखी। इसके बावजूद भी सौम्या चौरसिया के काले कारनामों की फेहरिस्त आधी अधूरी रही। बताते है कि बघेलखंड के काले कारनामो का पहले चरण का बखान ही इतना अधिक है कि ‘बोल-बोल’ कर सरकारी वकीलों का दम निकल रहा है। 

बताते है कि बचाव पक्ष ने चंद घंटों की सुनवाई में अपना पूरा पक्ष रख दिया था। लेकिन सौम्या चौरसिया के गुनाहों का ब्यौरा तमाम तथ्यों और सबूतों के साथ ED द्वारा अदालत के समक्ष रखा जा रहा है। बताते है कि हकीकत बयां करते-करते सरकारी वकीलों का कंठ सूख रहा है, जिरह के दौरान पानी से अपना गला तर-बतर कर वे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सरकार का हिसाब किताब पेश कर रहे है।

बिलासपुर हाई कोर्ट में सौम्या की जमानत याचिका पर सुनवाई का दौर आज भी जारी रहेगा। बताते है कि ED लगातार चौथी बार अपने तर्कों के साथ अदालत के समक्ष उपस्थित होने वाली है। सूत्रों के मुताबिक बघेलखण्ड का काला चिट्ठा सरगुजा के कोयले के पहाड़ जितना ऊँचा पूरा है।

बताते है कि मंत्रालय में छापेमारी के बाद ट्रको से दस्तावेजों की ढुलाई कराई गई थी। यही नहीं रायपुर की जिला अदालत में पेश सौम्या चौरसिया की चार्ज शीट भी 20 हजार से ज्यादा पन्नो की थी। बताते है कि चालान की प्रति सभी आरोपियों के हाथो में सौपी जाती है। लिहाजा गुनाहो का बोझ भी हाथो से नहीं बल्कि वाहनों से ढोये जाने की नौबत है।  

बिलासपुर हाई कोर्ट में सौम्या चौरसिया की रिहाई के आगे सबूतों और गुनाहो का पहाड़ कई तरह के रोड़े अटकाता नजर आ रहा है। अभी तो यह देखना गौरतलब है कि सिर्फ एक मात्र कुख्यात आरोपी सौम्या के अपराधों की फेहरिस्त में शामिल गुनाहो के पेश किये जा रहे ब्यौरे पर कब विराम लगता है ? कानून के जानकार बताते है कि ED के तर्कों के बाद ही बहस पूरी होगी। फिर माननीय अदालत का फैसला आएगा।