Cg News: विधायक चंद्राकर,उद्योगपति सारडा, नौकरशाहों और रियल स्टेट कारोबारियों के ठिकानो से दस्तावेजों की बरामदगी शुरू, छत्तीसगढ़ में एक बार फिर ED की छापेमारी जोरो पर

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रायपुर / दिल्ली : छत्तीसगढ़ में एक बार फिर ED की छापेमारी जोरो पर है। ताज़ा जानकारी के मुताबिक महासमुंद में कांग्रेस विधायक विनोद सेवनलाल चंद्राकर के ठिकानो से ED को जमीनों की खरीद फरोख्त से जुड़े कई नामी-बेनामी दस्तावेज हासिल हुए है। बताते है कि विधायकी से पहले विनोद चंद्राकर रियल स्टेट कारोबार में जमीनों की खरीद फरोख्त का कार्य करते थे। बताया जाता है कि प्राथमिक पड़ताल में “बघेलखण्ड” के “मुख्यमंत्री” की बड़े पैमाने पर ब्लैक मनी खपाने और जमीनों की खरीद फरोख्त में टैक्स की चोरी की पुष्टि के बाद एजेंसियों ने विधायक चंद्राकर के ठिकानो पर दबिश दी है। 

बताते है कि करीब आधा दर्जन ऐसे अधिकारी भी ED की टीम में है,जिन्हे गिरफ़्तारी का अधिकार प्राप्त है। आज सुबह केंद्रीय बलों के साथ ED ने कुछ खास ठिकानो में दबिश दी है। इसमें राजनेताओ के अलावा कारोबारी और नौकरशाह शामिल है। उधर,मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छापेमारी के विरोध में बीजेपी और केंद्र सरकार पर परंपरागत रूप से हमला बोला है। बघेल ने तंज कसते हुए कहा कि-लगता है भाजपा शासित राज्यों में ED का दफ्तर नहीं है। सूत्रों के मुताबिक,कोल खनन परिवहन घोटाले से जुडी यह कार्यवाही राज्य के लिए मील का पत्थर साबित होगी। बताते है कि मौजूदा छापेमारी में ED को लुटेरे राजा और रियासत के राजकुमार के असल काले कारोबार से जुड़े कई सबूत हाथ लगे है।

जानकारी के मुताबिक रायपुर के सुंदर नगर इलाके के एक चाट कारोबारी अगरबाल और जमीनो की खरीद फरोख्त से जुड़े सुरेश बांदे से पूछताछ के बाद हालिया छापेमारी को अंजाम दिया गया है। बताते है कि पुख्ता सूत्रों की निशानदेही के बाद “बघेलखण्ड” के राजा और राजकुमार,दोनों पर ED का शिकंजा लगातार कसता जा रहा है। कोल खनन परिवहन घोटाले का मुख्य सरगना और कोई नहीं बल्कि “बघेलखण्ड” का राजा ही बताया जाता है। सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री कार्यालय में पदस्थ रहीं सीएम भूपेश बघेल की उपसचिव सौम्या चौरसिया से सम्बद्ध विधायक विनोद चंद्राकर के ठिकानो पर ED की दस्तक से गहमा-गहमी है। महासमुंद में निवासरत कांग्रेस विधायक अग्नि चंद्राकर के बाद,विनोद चंद्राकर के ठिकानो पर ED की रेड से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उनका कामकाज चर्चा में है। 

बताते है कि संवैधानिक शक्तियों और सरकारी अधिकारों का दुरुपयोग कर प्रदेशभर में अवैध उगाही और घोटालो में सिर्फ पिता-पुत्र और उनके गुर्गो का नाम सामने आया है। ED की ताजा छापेमारी को भी “बघेलखण्ड” के क्रियाकलापों से जोड़कर देखा जा रहा है। बताया जाता है कि उद्योगपति कमल सारडा और बघेलखण्ड के कारोबारी रिश्तो की निशानदेही के बाद ED ने कई नए ठिकानो में दबिश दी है। इसमें रियल स्टेट कारोबारी सुरेश बांदे से लगातार पूछताछ जारी है। उसके मंदिर हसौद और नवा रायपुर के ठिकानो से बेनामी सम्पत्तियों का कच्चा-चिट्ठा बरामद होने की खबर है। 

बताया जाता है कि कांग्रेस के कतिपय नेता और विधायक “बघेलखण्ड” के मुख्यमंत्री की अवैध कमाई को ठिकाने लगाने की तरकीब पर काम कर रहे है। इसके तहत कई पार्टी कार्यकर्ताओ और समर्थकों के नाम का इस्तेमाल बेनामी संपत्तियों की खरीद फरोख्त में किया जा रहा है।विभिन्न जिलों में करोडो की कृषि और व्यापारिक गतिविधियों में उनका नाम शामिल किया गया है।जबकि 2 वर्ष पूर्व ऐसे कार्यकर्ताओ के सामने रोजी-रोटी का संकट था। बताते है कि बीते 4 वर्षो में बघेलखंड ने लूटपाट कर आकूत संपत्ति इकट्ठा की है। अवैध रूप से अर्जित ब्लैक मनी को कई कारोबार में भी निवेश किया गया है। 

सूत्रों के मुताबिक एक राजनैतिक दल के चुनिंदा नेताओ के समर्थको के नाम पर चार्टेड अकॉउंटेंट के जरिए बड़े पैमाने पर पैन नंबर जारी करवाए गए थे। बताते है कि हाल ही के वर्षो में राजधानी रायपुर के लगभग आधा दर्जन नामीगिरामी चार्टेड अकॉउंटेंट फर्मो ने सौम्या चौरसिया,सूर्यकांत तिवारी और बघेलखण्ड के कई गुर्गो की करोडो की ब्लैक मनी का वैधानिक मैनेजमेंट किया था। इसके तहत बड़े पैमाने पर कृषि भूमि खरीदी गई थी। इस भूमि पर लहलहाती फसल दर्शाकर कृषि आय का पहाड़ ताना जा रहा था। इस पर टैक्स की छूट भी ली जा रही थीं। 

बताते है कि कृषि भूमि पर करोडो की आमदनी का ब्यौरा इनकम टैक्स रिटर्न में दाखिल कराया गया था। नीलगिरि समेत कई प्रजातियों के वृक्षों और फसलों की बोगस बिकावली के सामने आने के बाद विभिन्न एजेंसियों द्वारा संदेहियों से पूछताछ भी की गई थी। बताते है कि बघेलखण्ड का सर्वाधिक पूंजी निवेश उद्योगपति कमल सारडा से जुड़े कई कारोबार में हुआ है।

कोल खनन परिवहन घोटाले से जुडी कई शिकायतों की पड़ताल में यह तथ्य सामने आया है कि कमल सारडा और उनकी कंपनी को आवंटित की गई खदानों से महत्वपूर्ण खनिजों की अफरातफरी भी हो रही थी। यही नहीं “बघेलखण्ड” के कारोबार को सिंचित करने के मामलों में उद्योगपति कमल सराड़ा और उनके पुत्र मुश्किल में बताए जाते है। सारडा के बहुआयामी कारोबार के विकास में बघेलखण्ड का हाथ महत्वपूर्ण बताया जाता है। 

बताते है कि सीए प्रतीक जैन से ED पूर्व में लगातार 2 बार पूछताछ कर चुकी है। उसके द्वारा पूछताछ में संदेहियों के ब्लैक मनी के श्रोतो को लेकर कोई ठोस जवाब और सहयोग नहीं करने के चलते ED को कुछ नए ठिकानो की ओर भी रुख करना पड़ा है। बताते है कि रायपुर और भिलाई के अलावा बिलासपुर और रायगढ़ में भी ED सक्रीय है। ब्लैक मनी को वाइट मनी में तब्दील करने के कई फार्मूलों को लेकर सीए प्रतीक जैन से फिलहाल कड़ाई से पूछताछ की जा रही है। 

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बताते है कि सीए प्रतीक जैन के दफ्तर में ED को वो जरुरी दस्तावेज प्राप्त हुए है,जिनकी तलाश पिछले 3 माह से की जा रही थी। सूत्र बताते है कि प्रतीक और सुरेश बांदे समेत अन्य संदेहियों की गिरफ़्तारी से भी इंकार नहीं किया जा सकता। जानकारी के मुताबिक,ED की टीम में इस बार लगभग आधा दर्जन ऐसे अधिकारी है,जिन्हे किसी भी संदेही की गिरफ्तारी का अधिकार प्राप्त है। फिलहाल ED की ओर से ताजा छापेमारी को लेकर कोई आधिकारिक बयान अभी सामने नहीं आया है। जबकि बघेलखण्ड समर्थको ने एक बार फिर भ्रष्टाचार के संरक्षण के लिए धरना प्रदर्शन की मुहिम पर विचार शुरू कर दिया है।

जानकारी के मुताबिक ED ने कांग्रेस के कोषाध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल के पुत्र और बीजेपी नेता व पूर्व विधान सभा अध्यक्ष गौरीशंकर अग्रवाल के पुत्र के ठिकानो पर भी दबिश दी है। बताते है कि आपसी रिश्तेदारी के बाद कांग्रेस-बीजेपी का संयुक्त कारोबार दिन दूनी रात चौगुनी प्रगति पर था। बताया जाता है कि छत्तीसगढ़ सरकार की विभिन्न योजनाओ से एकतरफा उपकृत होने वालो की सूचि में “चंदा मामा” का पूरा कुनबा शामिल है। आरी-डोंगरी खदान हो या फिर नवा रायपुर में सैकड़ो एकड़ सरकारी जमीन,इसे चंदा मामा के “हाथो” में सौंप दिया गया है। बताते है कि छत्तीसगढ़ राज्य की सरकारी तिजोरी की लूट का बड़ा हिस्सा रियल स्टेट कारोबार में निवेश किया जा रहा है। 

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राज्य में ED की छापेमारी से राज्य के प्रशासनिक और राजनैतिक गलियारों में सरगर्मियां तेज है। बताते है कि इस बार ED ने चर्चित IPS अधिकारी दीपांशु काबरा के दफ्तर का भी रुख किया है। वरिष्ठ अधिकारी काबरा,परिवहन आयुक्त के अलावा जनसम्पर्क विभाग में CPR के पद पर कार्यरत है।