नई दिल्ली। मेडिकल साइंस में कई अजीबोगरीब मामले सामने आते हैं। हाल ही में एक और ऐसा मामला सामने आया है जो पूरी मेडिकल दुनिया को हैरान करने वाला है। दरअसल यह मामला चीन का है। यहां डॉक्टर्स ने एक साल की बच्ची के दिमाग से एक भ्रूण को बाहर निकाला है। चीन में डॉक्टरों ने एक जटिल ऑपरेशन कर एक साल की बच्ची को नई जिंदगी दी है। बच्ची के मस्तिष्क में भ्रूण (अजन्मा जुड़वा) पल रहा था, जिसे डॉक्टरों ने ऑपरेशन कर अलग किया।
डॉक्टरों के अनुसार, भ्रूण लगभग चार इंच लंबा था, उसके ऊपरी अंग, हड्डियां और यहां तक कि नाखूनों का भी विकास हो गया था, जिसका अर्थ है कि यह गर्भ में अपने साथ पलने वाली बच्ची के अंदर महीनों तक बढ़ता रहा। इस संबंध में न्यूरोलॉजी जर्नल में एक लेख प्रकाशित हुआ है। अजन्मे बच्चे का पता तब चला जब माता-पिता एक साल की बच्ची को अस्पताल ले गए क्योंकि उसका सिर सामान्य से बड़ा था। ऐसे मामले बहुत कम पाए जाते हैं जब किसी भ्रूण के अंदर दूसरा भ्रूण पलने लगता है। ऐसे मामलों में जुड़वां बच्चे गर्भ में एक साथ जुड़ जाते हैं और एक दूसरे के अंदर शारीरिक रूप से विकसित होने लगते हैं।
मेडिकल हिस्ट्री की बात की जाए तो अब तक ऐसे करीब 200 मामले सामने आए हैं जब किसी भ्रूण के अंदर भ्रूण पलता पाया गया। इनमें भी 18 ऐसे मामले में थे जिनमें खोपड़ी के अंदर भ्रूण पल रहा था। आंतों और यहां तक कि अंडकोष में भी अजन्मे जुड़वा बच्चों का पता चला है। दिसंबर में अमेरिकन एकेडमी ऑफ न्यूरोलॉजी के जर्नल न्यूरोलॉजी में मामला एक मामला प्रकाशित हुआ था। जिसमें सीटी स्कैन से पता चला था कि एक साल की बच्ची के दिमाग में अजन्म बच्चा पनप रहा था।
उसे हाइड्रोसिफ़लस भी था, मस्तिष्क के भीतर गहरे तरल पदार्थ का निर्माण जो बढ़े हुए सिर, अत्यधिक नींद और दौरे का कारण बन सकता है। डॉक्टरों ने कहा कि अजन्मा भाई जन्म के एक साल बाद भी जीवित रहा क्योंकि उसमें रक्त की आपूर्ति बनी रही। लड़की का इलाज करने वाले फुडैन यूनिवर्सिटी हुआसान हॉस्पिटल के न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. ज़ोंज़े ली ने कहा, ‘इंट्राक्रैनियल भ्रूण-में-भ्रूण अविभाजित ब्लास्टोसिस्ट से उत्पन्न होता है। न्यूरल प्लेट फोल्डिंग के दौरान संयुक्त भाग मेजबान भ्रूण के अग्रमस्तिष्क में विकसित होते हैं।’