छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री ने धारा 370 के हटाए जाने को संविधान पर कुठाराघात करार दिया है । सामान्य तौर पर शांत और मृदुभाषी टीएस सिंह देव ने आखिरकार भारतीय जनता पार्टी के उठाए गए इस कदम पर अपनी प्रतिक्रिया दी है । मंत्री ने तीखे शब्दों में यह स्पष्ट किया है कि इस फैसले के दूरगामी परिणाम होंगे, जो कतई ही देश हित में नहीं है ।
टीएस सिंहदेव ने तर्क दिया है कि, जिस तरह से भारतीय जनता पार्टी और और गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर के साथ किया है वह कभी भी छत्तीसगढ़ या दूसरे किसी प्रदेश के साथ हो सकता है । मसलन किसी प्रदेश के विधायकों की गैरमौजूदगी में केंद्र सरकार लोकसभा और राज्यसभा में बिल पास कर उसका विलय कर सकती है । और क्या ऐसा किया जाना देश के संविधान के अनुसार सही होगा ? क्या यह निर्णय जल्दबाजी में लिया गया निर्णय है ? क्या मौजूदा बीजेपी सरकार के लिए यह जरूरी नहीं था कि, विपक्ष और राज्य के स्टेकहोल्डर के साथ इस पर चर्चा की जाती ? और क्या सबसे पहले जम्मू और कश्मीर के आम नागरिकों के साथ बातचीत कर इस फैसले को लिया जाता |