रायपुर : छत्तीसगढ़ में भ्रष्टाचार के खिलाफ जारी मुहीम एक नए मोड़ पर है। केंद्रीय जांच एजेंसियों के घेरे में अखिल भारतीय सेवाओं के कई अफसर एक के बाद एक अपने काले कारनामो को चर्चित हो रहे है। इसी कड़ी में एक नाम 2008 बैच की IPS पारुल माथुर का भी है।
ताजा फरमान में पारुल माथुर को सरगुजा पुलिस रेंज में DIG के पद पर तैनात किया गया है। हफ्ते भर पहल्रे छत्तीसगढ़ सरकार ने पारुल माथुर को पुलिस अधीक्षक बिलासपुर से स्थानांतरित करते हुए एंटी करप्शन ब्यूरो की कमान सौंपी गई थी। उन्हें DIG के पद पर तैनाती दी गई थी।
आधिकारिक जानकारी के मुताबिक पारुल माथुर के अलावा रायपुर के SSP प्रशांत अग्रवाल और कोरबा के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल के काले कारनामो का ब्यौरा परिवर्तन निदेशालय ने रायपुर की विशेष अदालत को सौंपा है।
बताया जाता है कि ये तीनो IPS अधिकारी सुपर सीएम सौम्या चौरसिया लूटमार गिरोह के फाउंडर मेम्बर थे। सरकारी खजाने की लूट और अवैध वसूली में तीनो अधिकारियों के योगदान का ब्यौरा ईडी की चार्जशीट में शामिल है। इसके बावजूद भी छत्तीसगढ़ सरकार ने एंटी करप्शन ब्यूरो की कमान DIG पारुल माथुर को सौंप दी थी। इस हैरतअंगेज आर्डर को NEWS TODAY CG ने राज्य के ईमानदार नौकरशाहो के संज्ञान में लाया था। बताते है कि राज्य सरकार ने संशोधन कर अब नया फरमान जारी किया है।