रायपुर : छत्तीसगढ़ के बिजली विभाग में कोयला परिवहन के ठेको में चंद महीनो में ही लगभग 200 करोड़ की कमाई करने वाले,कोल माफिया सूर्यकांत तिवारी से जुडी ट्रांसपोर्ट कंपनी को CSEB ने इस बार जोर का झटका दिया है। उसे बाहर का रास्ता दिखाने के लिए जहां कसरत जारी है वहीँ MDO की सिफारिश पर सीधे बारबरीक को नए सिरे से ठेका देने के लिए औपचारिक्ताएं भी पूरी कर ली गई है।
सूत्र बताते है कि इसके लिए IAS अंकित आनंद ने मामला बोर्ड की ओर भेज दिया है। बताते है कि वित्त विभाग की मंजूरी के बाद कोल परिवहन के ठेको पर मुहर लग जाएगी। दरअसल,पिछले वित्तीय वर्षो से कोयला दलाल सूर्यकांत तिवारी की कंपनियों को देश की सबसे महँगी कोल परिवहन दरों पर गैरकानूनी रूप से ठेका सौंपा गया था।
नतीजतन CSEB को जहां करोडो का नुकसान हुआ वहीं सूर्यकांत तिवारी ने एक ही झटके में 200 करोड़ से ज्यादा की कमाई की थी। हालांकि इस बार महँगी दरों को लेकर दलील दी जा रही है कि कोल खनन और परिवहन इलाको की खस्ता हालत के चलते परिवहन दरें काफी वाजिब है।
ट्रांसपोटर्स के मुताबिक सडको की हालत बेहद ख़राब है,इससे प्रति ट्रिप समय की बर्बादी होती है।यही नहीं परिवहन के फेरो में ढुलाई के बाद उनके वाहन बगैर माल लादे खाली वापस लौटते है। इससे ट्रांसपोटर्स को काफी नुकसान उठाना पड़ता है। उनका दावा है कि सिंगल फेरे के कारण ही CSEB ने इतनी महंगी दरों पर पिछली बार भी ठेका दिया था।
ट्रांसपोटर्स का यह भी दावा है कि ठेको में शामिल सभी कंपनियों के दस्तावेजों और योग्यता के मानकों की पड़ताल,पिछले ठेको की तर्ज पर इस बार भी की गई है। उनके मुताबिक बिजली कंपनी के अध्यक्ष IAS अंकित आनंद ने सभी दस्तावेजों की बारीकी से जांच की है। फिलहाल,उम्मीद की जा रही है कि अंकित आनंद के निर्देशों के बाद सूर्यकांत के बजाए बार्बरिक का सिक्का चलेगा।