Supreme Court: अंग्रेजी के अलावा अन्य भाषाओं में भी उपलब्ध होंगे सुप्रीम फैसले, आज से लागू होगी व्यवस्था

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गणतंत्र दिवस के मौके पर सुप्रीम कोर्ट देशवासियों को बड़ी सौगात देने जा रहा है। भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने बुधवार को घोषणा की कि गणतंत्र दिवस से इलेक्ट्रॉनिक सुप्रीम कोर्ट रिपोर्ट्स (ई-एससीआर) परियोजना अब विभिन्न भारतीय अनुसूचित भाषाओं में शीर्ष अदालत के फैसले प्रदान करना शुरू कर देगी। उन्होंने कहा कि अभी सभी फैसले अंग्रेजी में होते हैं इसलिए 99.9 प्रतिशत नागरिक समझ नहीं पाते।

सीजेआई ने वकीलों से कहा कि शीर्ष अदालत गुरुवार को कुछ स्थानीय अनुसूचित भाषाओं में फैसले प्रदान करने के लिए ई-एससीआर परियोजना के हिस्से का संचालन करेगी। ई-एससीआर के अलावा स्थानीय भाषाओं में सुप्रीम कोर्ट के 1091 फैसले भी गणतंत्र दिवस पर उपलब्ध होंगे।

आठवीं अनुसूची में हैं 22 भाषाएं
बता दें, संविधान की आठवीं अनुसूची में 22 भाषाएं हैं। इनमें असमिया, बंगाली, गुजराती, हिंदी, कन्नड़, कश्मीरी, कोंकणी, मलयालम, मणिपुरी, मराठी, नेपाली, उड़िया, पंजाबी, संस्कृत, सिंधी, तमिल, तेलुगु, उर्दू, बोडो, संथाली, मैथिली और डोगरी शामिल हैं। शीर्ष अदालत के फैसले, उसकी वेबसाइट, उसके मोबाइल ऐप और नेशनल ज्यूडिशियल डेटा ग्रिड (NJDG) पोर्टल पर उपलब्ध होंगे।

आधुनिकीकरण में दिल्ली हाईकोर्ट रहा है अग्रणी
सूचना प्रौद्योगिकी के जरिये अदालतों के आधुनिकीकरण में दिल्ली हाईकोर्ट अग्रणी रहा है। देश का पहला कागजरहित ई-कोर्ट 2009 में दिल्ली में ही स्थापित किया गया था। दिल्ली हाईकोर्ट की सभी अदालतें अब ई-कोर्ट के रूप में काम कर सकती हैं और समय-समय पर भौतिक सुनवाई के अलावा अपनी अदालती कार्यवाही वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से संचालित कर रही हैं।

अदालत की कार्यवाही के लाइव स्ट्रीमिंग, रिकॉर्डिंग नियम अधिसूचित
हाईकोर्ट ने अधिक पारदर्शिता, समावेशिता प्रदान करने और न्याय तक पहुंच को बढ़ावा देने के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय, 2022 की अदालती कार्यवाही के लाइव स्ट्रीमिंग और रिकॉर्डिंग नियमों को अधिसूचित किया है। अधिसूचना में कहा गया है कि नियम दिल्ली उच्च न्यायालय अधिनियम, 1966 और संविधान के अनुच्छेद 227 के तहत शक्तियों के प्रयोग में उच्च न्यायालय द्वारा दिल्ली के उपराज्यपाल की पूर्व स्वीकृति के साथ तैयार किए गए है।

13 जनवरी को आधिकारिक राजपत्र में प्रकाशित होने के बाद नियमों को अधिसूचित और लागू किया गया। वे उच्च न्यायालय और उन न्यायालयों और न्यायाधिकरणों पर लागू होंगे जिन पर उच्च न्यायालय का पर्यवेक्षी अधिकारक्षेत्र है। लाइव स्ट्रीमिंग या लाइव स्ट्रीम की परिभाषा समावेशी है और इसमें लाइव टेलीविजन लिंक, वेबकास्ट, इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों से ऑडियो-वीडियो प्रसारण या अन्य व्यवस्थाएं शामिल हैं जिनके माध्यम से कोई भी व्यक्ति इन नियमों के तहत अनुमत कार्यवाही को देख सकता है।