ठगी के मामले में भिलाई से आरके जैन गिरफ्तार , बगैर “केस डायरी” देखे विद्वान् न्यायधीश ने आखिर कैसे आरोपी मुकेश गुप्ता की गिरफ्तारी पर हफ्ते भर की रोक लगाईं ,इसकी भी पड़ताल |

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 तीन अगस्त को EOW में बयान देने उपस्थित हो सकता है आरोपी मुकेश गुप्ता ?

छत्तीसगढ़ कैडर के डकैत डीजी और निलंबित IPS मुकेश गुप्ता के ठगी के मामले में दुुर्ग पुलिस ने आरोपी आर.के. जैन को गिरफ्तार किया है | आर.के. जैन दुर्ग नगर निगम में वरिष्ठ अधिकारी के रूप में पदस्थ है | इस मामले में आरोपी मुकेश गुप्ता की तलाश जारी है | बताया जाता है कि भिलाई में साडा भंग होने के बाद अवैध तरीके से मुकेश गुप्ता और उसके परिजनों ने भूखंड हासिल किया था | यही नहीं आरोपी मुकेश गुप्ता ने खुद के अलावा सैकड़ो लोगो को गैर -क़ानूनी ढंग से भूखंड आबंटित किए थे | इस मामले में सुपेला पुलिस ने मुकेश गुप्ता, आर.के.जैन सहित 4 लोगो के खिलाफ चार सौ बीसी और अपराधिक षड्यंत्र के तहत FIR दर्ज किया था |   

यह भी तथ्य सामने आया है कि मामले की जाँच में जुटी सुपेला पुलिस मुकेश गुप्ता को भी गिरफ्तार करने दिल्ली पहुँची थी, लेकिन हीला हवाली कर खाली हाथ लौट आई थी | मुख्य आरोपी को मिली पुलिसिया मदद से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सरकार की हुई जमकर किरकिरी के बाद आखिरकर दुर्ग पुलिस ने अन्य आरोपियों की धर पकड़ शुरू की है | हालांकि इस मामले में हफ्ते भर तक मुकेश गुप्ता की गिरफ्तारी पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है | आरोपियों के गिरफ्तारी के इस नाटक को दुर्ग पुलिस की “फेस सेविंग” कार्रवाई के रूप में देखा जा रहा है | इस मामले में  एक अन्य आरोपी व्यासनारायण शुक्ला की मौत हो चुकी है | जबकि शेष आरोपियों की तलाश का दावा दुर्ग पुलिस कर रही है | 

बताया जाता है कि “ठगराज” आईपीएस अधिकारी मुकेश गुप्ता , पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार के कार्यकाल में  महत्वपूर्ण नेताओ और अधिकारियों के फोन टेपिंग के अलावा उनकी सीडी बनाने के कारोबार में भी लिप्त था | जेल की हवा खा रहे एक अन्य आरोपी फिरोज सिद्द्की के सीडी कारोबार में आरोपी मुकेश गुप्ता भी शामिल बताया जा रहा है |  यह भी बताया जा रहा है कि दुर्ग पुलिस रेंज में पदस्थ कुछ आलाधिकारियों की आपत्तिजनक सीडी होने का दावा कर आरोपी मुकेश गुप्ता ने उन अफसरों को चेतावनी देते हुए उसके समक्ष घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया था |  इसके चलते आरोपी मुकेश गुप्ता की गिरफ्तारी का “टास्क” लेकर दिल्ली पहुंची दुर्ग पुलिस की टीम खानापूर्ति कर बैरंग लौट आई थी | 


उधर बिलासपुर हाईकोर्ट से आरोपी मुकेश गुप्ता की गिरफ्तारी पर मिली फौरी रोक से राज्य सरकार हैरत में है | बगैर “केस डायरी” देखे विद्वान् न्यायधीश ने आखिर किस वजह से आरोपी मुकेश गुप्ता की गिरफ्तारी पर हफ्ते भर की रोक लगाईं ,इस पहलु की पड़ताल हो रही है | गौरतलब है कि एक अगस्त को आरोपी की याचिका की सुनवाई के उपरांत हाईकोर्ट के विद्वान् न्यायधीश आरसीएस सामंत ने आरोपी मुकेश गुप्ता की गिरफ्तारी पर फौरी रोक लगाने का फैसला सुनाया था | साथ ही उन्होंने  “केस डायरी” पेश करने के निर्देश भी दिए थे | इस मामले की अगली सुनवाई सात अगस्त को निर्धारित की गई है | गिरफ्तारी पर रोक किन तथ्यों के आधार पर लगाई गई इसकी पड़ताल को लेकर “एजी ऑफिस” सक्रिय हो गया है | हालांकि आरोपी के अधिवक्ता ने बताया कि 29 जुलाई को दाखिल की गई याचिका में पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाते हुए बिना साक्ष्य गिरफ्तार करने की दलील पेश की गई थी | अब यह देखना गौरतलब होगा कि आरोपी मुकेश गुप्ता तीन अगस्त को “नान घोटाले और अवैध फोन  टेपिंग ” के मामले में अपने बयान दर्ज कराने के लिए EOW के मुख्यालय में पहुँचता है , या नहीं |