जेल से शासन चलाने के अरमानों पर फिरा पानी,छत्तीसगढ़ IAS एसोसिएशन का फैसला चर्चा में, नहीं मानेंगे सुपर CM सौम्या चौरसिया का फ़रमान

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रायपुर : रायपुर सेन्ट्रल जेल में बंद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की करीबी अफसर और सुपर CM सौम्या चौरसिया का न्यायिक हिरासत से राजकाज सँभालने की उठापटक पर उस समय विराम लग गया, जब IAS एसोसिएशन ने साफ़ कर दिया कि अधिकारी अब उसका अब कोई भी फरमान नहीं सुनेंगे। IAS एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री को भी इस फैसले से अवगत करा दिया है।

सूत्रों का दावा है कि एसोसिएशन की एक बैठक में वरिष्ठ IAS अधिकारियो ने डिप्टी कलेक्टर और मुख्यमंत्री कार्यालय में पदस्थ आरोपी सौम्या चौरसिया की कार्यप्रणाली पर भी भारी नाराजगी जाहिर की है। हालांकि IAS एसोसिएशन की ओर से इस मामले को लेकर अभी कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। लेकिन सूत्र दावा कर रहे है कि मौजूदा हालात में कोई भी अफसर सौम्या चौरसिया का सन्देश तक सुनने से इंकार कर रहे है। न्यूज़ टुडे छत्तीसगढ़ ने IAS एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने संपर्क भी किया, लेकिन इस बारे में अधिकारियो ने ”नो कमेंट” कहकर पल्ला झाड़ लिया।  

उधर अदालत ने आरोपी सौम्या चौरसिया की ज्यूडिशियल रिमांड 2 जनवरी 2023 तक बढ़ा दी है। सोमवार को आरोपी सौम्या चौरसिया को वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के जरिये सेन्ट्रल जेल में ही पेशी के लिए उपलब्ध रही। जबकि उनके वकील ने अदालद में मौजूद रहकर क़ानूनी कामकाज निपटाया। आरोपी सौम्या चौरसिया की ओर से जमानत अर्जी अभी नहीं दाखिल की गई है।

माना जा रहा है कि चालान पेश होने के उपरांत ही बचाव पक्ष उनकी जमानत अर्जी दाखिल करेगा। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की करीबी अफसर सौम्या चौरसिया राज्य में सुपर CM के रूप में जानी – पहचानी जाती है। कैबिनेट की बैठकों में अधिकारियो की निगाहें उसके कामकाज के तौर – तरीको पर लगी रहती थी। सौम्या के जेल की हवा खाने के बाद कैबिनेट की बैठक हो या फिर आम बैठके, अधिकारी और जनप्रतिनिधि खुलकर अपनी बातें सरकार के समक्ष रख रहे है। 

सूत्रों का कहना है कि अब बैठकों में वातावरण काफी पॉजिटिव नजर आता है। वे नियमानुसार कार्यो के लिए खुद को सहज और दबाव मुक्त महसूस कर रहे है। उनका यह भी कहना है कि पिछली बैठकों के अनुभवों की तुलना में अब होने वाली बैठके काफी रचनात्मक महसूस होती है। अब वे शासन के कार्यो को अधिक आसानी के साथ जनता तक पहुंचाने में जुटे है।

हालांकि बैठक में शामिल अफसरों ने सौम्या की कार्यप्रणाली को लेकर कोई कमेंट नहीं किया। सिर्फ यही कहा कि, ”राहत महसूस” कर रहे है। आरोपी सौम्या चौरसिया को 2 दिसंबर को ED ने गिरफ्तार किया था। करीब 12 दिनों की ED हिरासत के बाद सौम्या को अदालत में पेश किया गया था। अदालत ने उसे न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया था। 

छत्तीसगढ़ के बड़े घोटाले में से एक कोल परिवहन और अवैध उगाही के मामलो में गिरफ्तार की गई सौम्या चौरसिया के 4 साथी भी इन दिनों जेल की हवा खा रहे है। उनमे IAS समीर विश्नोई, कोयला कारोबारी सुनील अग्रवाल, कोयला दलाल सूर्यकान्त तिवारी और उसका चाचा लक्ष्मीकांत तिवारी शामिल है। ये सभी आरोपियों ने मिलकर छत्तीसगढ़ की गरीब जनता और आदिवासियों की गाढ़ी कमाई पर हाथ साफ़ किया था। घोटालो के जरिये करोडो की रकम यदि सरकारी तिजोरी में रहती तो गरीबो के कल्याण में खर्च होती। लेकिन सरकारी सरंक्षण में फले – फुले भ्रष्टाचार के जरिये यह रकम आरोपियों की तिजोरी में चली गई। 

सूत्र बताते है कि इस रकम से आरोपियों ने देश – विदेश में जमकर निवेश किया। ED अभी भी जांच में जुटी है। उसने चार आरोपियों के खिलाफ 8 हजार पन्नो का चालान विशेष कोर्ट में जमा किया है। जबकि सौम्या चौरसिया का पूरक चालान फरवरी 2023 के पहले हफ्ते में सामने आने के आसार है। इस वकत तक उनकी हिरासत की अवधि 60 दिनों की हो जाएगी। राज्य सरकार ने सौम्या चौरसिया को नियमानुसार तय सीमा के काफी दिनों बाद निलंबित किया है। बताते है कि जेल की हवा खाने के बाद भी राजनैतिक दबाव के चलते आरोपी सौम्या चौरसिया को कई दिनों तक निलंबित नहीं किया गया। अधिकारियों की हीला हवाली के बाद उसके निलंबन का एक आदेश सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। यह कटा – फटा आदेश चर्चा में है। 

दरअसल सौम्या चौरसिया के निलंबन के बाद उनका मुख्यालय CM सचिवालय ही रहेगा या फिर परिवर्तित होगा, इसे लेकर मंत्रालय में गहमागहमी है। सोशल मीडिया में वायरल हो रहे आदेश में आरोपी अफसर को गुजारा भत्ता दिए जाने को निर्देशित किया गया है, लेकिन उनके मुख्यालय को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं की गई है।

आमतौर पर निलंबित अधिकारियों को उनके मूल विभाग की किसी भी शाखा में अटैच किया जाता है। निलंबन अवधि में उनका कार्यस्थल भी आदेश में ही दर्ज किया जाता है। लेकिन निलंबित सुपर CM के आदेश में इसका कोई उल्लेख नहीं है। फ़िलहाल छत्तीसगढ़ में ED की कार्यवाही जारी है। अब तक वो आरोपियों की लगभग 152 करोड़ की संपत्ति जप्त कर चुकी है। यह देखना गौरतलब होगा कि सौम्या चौरसिया के पूरक चालान में जप्त संपत्ति का आंकड़ा कितनी छलांग लगाता है।