रायपुर : छत्तीसगढ़ की सुपर CM सौम्या चौरसिया को निलंबित कर राज्य सरकार ने प्रदेश की आम जनता को बड़ा तोहफ़ा दिया है। सोशल मीडिया में वायरल हो रहे आधे – अधूरे एक आदेश पर विश्वास करे तो सौम्या चौरसिया को 15 दिसम्बर को निलंबित कर दिया गया है। आदेश में कहा गया है कि उन्हें अब सिर्फ गुजारा भत्ता दिया जायेगा। सुपर CM सौम्या चौरसिया को इन दिनों अधिकृत रूप से जेल की रोटी खानी पड़ रही है। वो रायपुर सेंट्रल जेल में बंद है। हालांकि उनकी यहाँ फाइव स्टार तीमारदारी की खबरे भी सामने आ रही है। इसकी हकीकत पर से पर्दा अब तक नहीं उठ पाया है।
दरअसल सौम्या चौरसिया और उसकी टोली में शामिल IAS समीर विश्नोई, कोयला कारोबारी सुनील अग्रवाल, दलाल सूर्यकान्त तिवारी और उसका चाचा लक्ष्मीकांत तिवारी की दिनचर्या और जेल मैनुअल को लेकर प्रेस – मीडिया को कोई जानकारी नहीं दे रहे है। वो जेल में बंद इन आरोपियों को मुहैया कराई जा रही सुख – सुविधाओं के आरोपों को ख़ारिज भी नहीं कर रहे है। ऐसे में अंदेशा जाहिर किया जा रहा है कि दाल में काला है।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ की गरीब आम जनता और आदिवासियों के कल्याण में खर्च होने वाली अरबो की सरकारी रकम सौम्या चौरसिया और उसके गिरोह ने डकार ली थी। ED ने तमाम आरोपियों के काले कारनामो का खुलासा रायपुर कोर्ट में प्रस्तुत 8 हजार पन्नो के चालान में किया है। इस चालान में सरकारी संरक्षण में चल रहे गैरकानूनी कारोबार का खुलासा भी किया गया है।
सौम्या चौरसिया को ED ने 2 दिसंबर 2022 को गिरफ्तार किया था। नियमानुसार भ्रष्टाचार में लिप्त किसी भी शासकीय सेवक को उसकी गिरफ़्तारी के फ़ौरन बाद निलंबित किये जाने का प्रावधान है। जबकि सामान्य अपराधों में भी गिरफ़्तारी के 48 घंटो के भीतर निलंबन के प्रावधान है। लेकिन सौम्या चौरसिया का निलंबन अब जाकर सामने आया है।
सौम्या चौरसिया का एक निलंबन आदेश इन दिनों आधा – अधूरा सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। जबकि राज्य सरकार की ओर से इस आदेश की पूर्ण प्रतिलिपि अब तक किसी भी सरकारी साइड पर अपलोड नहीं की गई है।
सोशल मीडिया में सक्रीय मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के ट्यूटर हेंडल और अन्य प्रचार माध्यमों में भी इस आदेश की कोई पुष्टि नहीं हो रही है। वहां तो यह कटा – फटा आदेश भी लोगो को नजर नहीं आ रहा है। ऐसे में लोगो को यह भी संसय हो रहा है कि यह कोई फर्जी आदेश तो नहीं।
सौम्या के निलंबन को लेकर सरकारी प्रवक्ताओं की ओर से भी अब तक कोई बयान सामने नहीं आया है। राज्य के जनसम्पर्क विभाग ने भी सौम्या के निलंबन की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की है। ऐसे में राज्य की जनता कटे – फटे इस आदेश को देखकर हैरत में है। फिलहाल तो इस आदेश को देखकर प्रसिद्ध शायर का ये शेर – हमको मालूम है जन्नत की हकीकत लेकिन दिल के खुश रखने को “ग़ालिब” यह ख्याल अच्छा है