रायपुर : छत्तीसगढ़ में सरकारी मशीनरी जामकर IAS अधिकारी और कारोबारी रोजाना करोडो की कमाई कर रहे थे। कई अफसर कोयला दलाल सूर्यकान्त तिवारी के द्वारा ऐसे पदों पर नियुक्त किये गए थे, जहाँ से ब्लैकमनी जोरो से निकाली जा सकती थी। सरकारी योजनाओं और विकास कार्यो पर खर्च होने वाली रकम का एक बड़ा हिस्सा IAS समीर विश्नोई के जरिये नेता जी के कई ठिकानो तक जाता था।
सूत्र बताते है कि सौम्या चौरसिया सिर्फ अकेले इस कारोबार को संचालित नहीं करती थी बल्कि उसके पीछे संवैधानिक शक्ति भी उसे दम देती थी। सूर्यकान्त तिवारी, सुपर CM सौम्या चौरसिया का खास पठ्ठा था।
यही वह शख्स था, जो समीर विश्नोई को ”सरकार” का डर दिखाकर गैरकानूनी कार्यों को करवाता था। IAS विश्नोई और सूर्यकांत तिवारी के आपसी संबंध और कारोबारी रिश्ते की दास्तान भी सामने आई है। सूत्र बताते है कि ED ने समीर विश्नोई और सूर्यकांत तिवारी का जब काला चिट्ठा खंगाला तो कई ऐसे सबूत उसके हाथ लगे जो एक राजनैतिक घराने की अनुपातहीन संपत्ति की जांच और कुनबे के आपराधिक कृत्यों की उच्चस्तरीय जांच के दायरे में है।
सूर्यकान्त तिवारी और समीर विश्नोई के अलावा विश्नोई की पत्नी प्रीति की ऑडियो एवं कई ऐसी चैट भी सामने आई है, जिससे पता चलता है कि सरकारी सरंक्षण में करोडो की उगाही का संयंत्र का ठिकाना मुख्यमंत्री कार्यालय में स्थापित था। इसका नियंत्रण मुख्यमंत्री बघेल की उपसचिव सौम्या चौरसिया के हाथो में था। सरकार की नाराजगी और खुशी को आधार बनाकर इस गिरोह ने IAS -IPS अधिकारियो पर मजबूत पकड़ बना ली थी। प्रीति और समीर विश्नोई की बातचीत में घर में रखे सोने को ठिकाने लगाने की चर्चा सुनी जा सकती है।
सूत्र बताते है कि करीब 4 करोड़ की नगदी और सोने -चांदी के ज़ेवरात की बरामदगी के बावजूद IAS समीर विश्नोई के ठिकाने से करोडो की नगदी और सोना काफी पहले ठिकाने लगा दिया गया था। इस मामले में शैलेन्द्र नामक व्यक्ति की महत्वपूर्ण भूमिका थी। रायपुर के आसपास विश्नोई ने करोडो की जमीन खरीदी है। इसके काले चिट्ठे भी जल्द सामने आने के आसार है।
सौम्या के इशारे पर नाचने से इंकार करने वाले अफसरों पर सीधे ठिकाने लगाने की शक्ति सूर्यकान्त -सौम्या के हाथो में थी। उन अफसरों की ट्रांसफर पोस्टिंग, जो ”राज्य शासन” में निहित थी, उसे सूर्यकान्त तिवारी किस अंदाज में भुनाता था, इसकी झलक ऑडियो टेप में मिलती है। इस आडियो की ट्रांस्क्रिप्ट देख -पढ़कर आप सहज अंदाजा लगा सकते है कि अखिल भारतीय सेवाओं के अफसर अवैध उगाही के कारोबार को किस तरह से संचालित कर रहे है।
यह भी बताया जाता है कि सौम्या के अलावा अनिल टुटेजा भी प्रदेश में सुपर CM के रूप में जाने -पहचाने जाते है। वे भी नान घोटाले के मुख्य आरोपी है, बावजूद इसके ”सरकार” की कई शक्तियां इस्तेमाल करने के मामलो में उनकी भूमिका भी सुर्ख़ियों में है। फिलहाल सौम्या चौरसिया गिरोह से ED की टीम अभी तक 152 करोड़ की अनुपातहीन संपत्ति जप्त कर पाई है। जबकि हजारो करोडो की चल -अचल संपति और मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जाँच अब भी जारी है।
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