रायपुर / भोपाल: गुजरात चुनाव के बाद आम आदमी पार्टी और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) की चर्चा छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश दोनों ही राज्यों में होने लगी है। इन प्रदेशो में 2023 में होने वाले विधानसभा चुनावों पर दोनों ही पार्टियां अपना ध्यान केंद्रित कर रही है।
आप के कई नेता लगातार छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश का दौरा कर रहे है। छत्तीसगढ़ में बीजेपी और कांग्रेस के बाद सबसे संघटित पार्टी के रूप में आप का नाम लिया जा रहा है। जबकि मध्य प्रदेश में जुलाई-अगस्त में हुए स्थानीय निकाय चुनावों में आप और AIMIM दोनों दलों के अच्छे प्रदर्शन से कांग्रेस और बीजेपी दोनों को खतरा नजर आने लगा है। राजनीति के पंडित राज्य के आगामी विधानसभा चुनाव में दोनों दलों की महत्वपूर्ण भूमिका से रूबरू करा रहे है। उन्हें लगता है कि बीजेपी और कांग्रेस दोनों के समीकरण बिगाड़ने में ये पार्टियां बड़ा कारक बनकर उभर सकती है।
जानकारों के मुताबिक गुजरात में ‘आप’ ने सिर्फ पांच विधानसभा सीटों पर जीत दर्ज की है। जबकि एआईएमआईएम को कोई सीट हासिल नहीं हुई, लेकिन दोनों दलों ने कई ऐसी सीटों पर जहां अल्पसंख्यक मतदाताओं की महत्वपूर्ण भूमिका थी। वहां कांग्रेस का चुनावी समीकरण बिगाड़ दिया। उसकी जीत की संभावनाओं को भी ख़तम कर दिया। बड़े चुनावी समीकरण को फेल करते हुए गुजरात में ‘आप’ पार्टी कांग्रेस के स्थान पर मुख्य विपक्षी दल का दर्जा प्राप्त कर चुकी है। यही नहीं राज्य में 13 प्रतिशत मत प्राप्त होने से उसका राष्ट्रीय दल बनने का रास्ता भी साफ हो गया है।
उसके प्रदर्शन से मध्य प्रदेश में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस में खलबली मची है। हालांकि ‘आप’ और एआईएमआईएम को छत्तीसगढ़ में बीजेपी और कांग्रेस के लिए खतरा बताया जाने लगा है। मध्य प्रदेश की 230 सदस्यीय विधानसभा और छत्तीसगढ़ की 90 सीटों पर ‘आप’ स्पष्ट रूप से एक विश्वसनीय विकल्प के रूप में स्थापित हो रही है।
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