Friday, September 20, 2024
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गुजरात विधानसभा चुनाव: BJP की ऐतिहासिक जीत के बावजूद कई झटकों का भी करना पड़ा सामना! मंत्री समेत 7 विधायक हारे

नई दिल्ली| गुजरात विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) की प्रचंड जीत के बावजूद कुछ जगहों पर उसे झटकों का भी सामना करना पड़ा है. चुनाव में राज्य के एक मंत्री समेत पार्टी के सात मौजूदा विधायकों को शिकस्त का सामना करना पड़ा है. बनासकांठा जिले की कांकरेज सीट से विधायक और प्राथमिक, माध्यमिक एवं प्रौढ़ शिक्षा राज्य मंत्री कीर्तिसिंह वाघेला को हार का मुंह देखना पड़ा.

बीजेपी की एकतरफा जीत के बीच मंत्री कीर्तिसिंह वाघेला कांकरेज सीट से कांग्रेस की गुजरात इकाई के अध्यक्ष जगदीश ठाकोर के भाई अमृतजी ठाकोर से कांटेदार मुकाबले में 5,295 वोटों के अंतर से चुनाव हार गए. चुनाव से पहले बीजेपी ने बड़ा कदम उठाते हुए ने इस चुनाव में अपने करीब 40 मौजूदा विधायकों को टिकट नहीं दिया था.

बीजेपी के बागी मधु श्रीवास्तव हारे

पूर्व कैबिनेट मंत्री और पाटन जिले की चानस्मा सीट से मौजूदा विधायक दिलीप ठाकोर कांग्रेस के दिनेश ठाकोर से करीब 1,300 मतों के मामूली अंतर से हार गए. एक अन्य पूर्व कैबिनेट स्तर के मंत्री बाबू बोखिरिया पोरबंदर सीट पर कांग्रेस के अर्जुन मोधवाडिया से हार गए. विजापुर के विधायक रमन पटेल और खंभात के मौजूदा विधायक महेश रावल भी कांग्रेस प्रतिद्वंद्वियों से हार गए.

सबसे ज्यादा चौंकाने वाला परिणाम आया भावनगर जिले की गरियाधर सीट से. गरियाधर सीट से छह बार के विधायक केशु नाकरानी आम आदमी पार्टी (AAP) के सुधीर वघानी से हार गए. वाघोडिया सीट से बीजेपी विधायक मधु श्रीवास्तव पार्टी के टिकट से वंचित होने के बाद निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव में उतरे थे. उन्हें भी चुनाव में हार का सामना करना पड़ा और तीसरे स्थान पर रहे.

एक अन्य निर्दलीय उम्मीदवार धर्मेंद्रसिंह वाघेला, जो बीजेपी के बागी भी हैं, वाघोडिया सीट पर जीत गए, जबकि बीजेपी के आधिकारिक उम्मीदवार अश्विन पटेल दूसरे स्थान पर रहे.182 सदस्यीय विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 156 सीटों पर जीत मिली है, तो कांग्रेस महज 17 सीटों पर सिमट कर रह गई. आम आदमी पार्टी को 5 सीटों पर जीत मिली है. 3 निर्दलीय प्रत्याशी चुनाव जीतने में कामयाब रहे हैं. समाजवादी पार्टी का 1 उम्मीदवार भी विजयी हुआ है.

इस बार NOTA में कम वोट

दूसरी ओर, विधानसभा चुनाव में नोटा के तहत पड़े वोट की हिस्सेदारी 2017 की तुलना में 9 प्रतिशत से अधिक घट गई है, इस बार खेड़ब्रह्मा सीट पर सबसे अधिक 7,331 नोटा वोट पड़े.

चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार गुजरात में इस चुनाव में 5,01,202 या 1.5 प्रतिशत वोट नोटा के थे, जो 2017 के विधानसभा चुनावों में 5,51,594 से कम हैं. खेड़ब्रह्मा सीट पर सबसे ज्यादा 7,331 नोटा वोट पड़े, उसके बाद दांता में 5,213 और छोटा उदयपुर में 5,093 वोट पड़े.

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