वरिष्ठ पत्रकार सुनील नामदेव और साजिद हाशमी की पुलिसिया घेराबंदी भी एक प्रेम कथा है। इसका कतई गलत अर्थ ना लगाइए। फिर भी आप समझदार है,दिल का दर्द तो समझो यारों। दरअसल,मामला सीएम बघेल की करीबी अफसर सौम्या चौरसिया के काले कारनामो और मीडिया कवरेज से जुड़ा है।
रायपुर : छत्तीसगढ़ में ED की हिरासत में तमाम भ्रष्टाचार के आरोपियों की कतार लग रही है। इन दिनों सुपर सीएम सौम्या चौरसिया का टूटता सपना उनके साथियों की नींद उड़ा रहा है। आज कोर्ट परिसर में वरिष्ठ पत्रकार सुनील नामदेव और साजिद हाशमी की पुलिसिया घेराबंदी ने लोक तंत्र का गला घोंटा है। इसका नजारा इस वीडियो में देख सकते है।
वरिष्ठ पत्रकार सुनील नामदेव और साजिद हाशमी को रायपुर में पदस्थ 5 DSP और 1 ASP गैरकानूनी रूप से घेरे रहे। उन्होंने घेराबंदी उस वक्त तक जारी रखी जब तक की सौम्या चौरसिया कोर्ट कक्ष तक नहीं पहुँच गई। इसके बाद पुलिस ने दोनों पत्रकारों को जबरदस्ती घर भेजकर अपना कर्तव्य पालन किया। उन्होंने इस घेराबंदी की 4 लेयर बनाई ताकि कुख्यात आरोपी सौम्या चौरसिया का मीडिया कवरेज रोका जा सके।कोर्ट परिसर से लेकर कलेक्टर परिसर तक दोनों पत्रकारों को एक महिला DSP समेत सैकड़ो पुलिसकर्मी घेरे रहे। इनमे से कई अफसर दबीं जुबान से CM भूपेश बघेल के ख़ास निर्देशों का हवाला देते हुए ,बता रहे थे कि सौम्या का कवरेज आप ना करें।
उनके दिल में चोट लग रही है। आप कवरेज कर हमारी नौकरी दांव पर ना लगाएं। उन्होंने कहा कि आप पहले ही फर्जी मामलो के शिकार हुए है।नए मामले अपने खिलाफ ना दर्ज कराएं।
गैरकानूनी रुप से दोनों पत्रकारों की घेराबंदी में जुटे अफसरों ने यह भी साफ़ किया कि रायपुर SSP प्रशांत अग्रवाल IG आरिफ शेख और अजय यादव को बार.बार मोबाइल कर आपके बारे में सूचना देने के लिए विवश हैं। एक DSP बेहार और ASP पटेल ने दावा किया कि सीएम साहब ने हमारे DGP और आईजी इंटेलिजेंस को आपके बारे में खास निर्देश दिए हैं, कृपया करके आप कोई ऐसा कवरेज न करें जिससे हमें फटकार मिले। इसके बाद वरिष्ठ पत्रकार सुनील नामदेव और साजिद हाशमी के चारों ओर पुलिस के कई वरिष्ठ अधिकारी घेराबंदी करके खड़े हो गए |ताकि धूर्त आरोपी सौम्या चौरसिया का कवरेज ना किया जा सके।
पुलिस ने अदालत परिसर और कलेक्टर परिसर में ही पत्रकारों को लेकर सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देशो की सरे आम धज्जियाँ उड़ा दी। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि पत्रकारों को उनका कार्य करने से रोका नहीं जा सकता। पुलिसिया घेराबंदी से सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश की उड़ती धज्जियाँ देखकर कई वकील और आम जनता हैरत में पड़ गए। रायपुर कलेक्टर कार्यालय और अदालत परिसर में मौजूद सैकड़ों वकीलों और आम नागरिकों ने इस नज़ारे को देखा। उन्होंने हमें टाइमलाइन के साथ वाकये का वीडियो बनाकर भेजा। हम अपने पाठकों और दर्शकों को इस वीडियो से रूबरू करा रहे हैं। आप भी देखिए इस वीडियो को
देश की अदालतें,मानव अधिकार आयोग, पत्रकार, समाजसेवी,बुद्धिजीवी,लेखक,कवि,साहित्यकार और वैधानिक संस्थाओं के प्रमुख इसे वाकये को जरूर संज्ञान में लेंवे।कहते है कि जब भी सत्ता नशे में चूर होकर अपने पद से भटक जाए तो लोकतंत्र को बचाने के लिए यही वर्ग सामने आता है।
देंखे कोर्ट में पेश ED का दस्तावेज,इस वजह से ED की गिरफ्त में भ्रष्टाचार की सौम्या,डाउनलोड करें …..
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल खासतौर पर उनकी करीबी और मनपसंद,अपनी अधीनस्थ अफसर छत्तीसगढ़ महतारी की कुख्यात आरोपी सौम्या चौरसिया के दर्शन कर भले ही अभिभूत हुए हों,लेकिन मीडिया के गला घोंटे जाने के इस नजारे को देखकर जरूर संज्ञान लें। ये दोनों पत्रकार अपनी रोमांटिक स्टोरी के पर्दाफाश होने से पहले जेल जाने के लिए तैयार हैं। छत्तीसगढ़ की आम जनता टैक्स पेयर भी इस वीडिय़ो को देंखे।देंखे वीडियो …