छत्तीसगढ़ में IT-ED के अफसरों के फोन टेपिंग-इंटरसेप्शन मामले की शिकायत पर केंद्र सरकार सख्त,पीड़ित एजेंसी के CBI को भी शिकायत किए जाने की खबर…

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दिल्ली / रायपुर : छत्त्तीसगढ़ में IT-ED की छापेमारी की सूचना गोपनीय रखने के लिए केंद्रीय एजेंसियों ने SOP का पालन पूरी कड़ाई के साथ किया है। इसके बावजूद भी सूचनाऍ लीक होने की खबरों से अधिकारी हैरत में बताए जा रहे है।

खबर है कि उनके फोन इंटरसेप्ट किए जा रहे थे। इसका सिलसिला छापेमारी के बाद भी जारी रहा। अब खबर आ रही है कि केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़ में सेलफोन प्रोवाइडर सभी कंपनियों से फोन इंटरसेप्शन का पूरा ब्यौरा माँगा है। यही नहीं सेलफोन प्रोवाइडर कंपनियों से भविष्य में होने वाले लीगल-इल्लीगल सभी इंटरसेप्शन के मामलो की जानकारी सरकार के संज्ञान में लाए जाने की हिदायत दी है।

खबरों के मुताबिक भारत सरकार के साइबर सेल की नजरें छत्तीसगढ़ पुलिस पर है। खबरों के मुताबिक गैर कानूनी रूप से इंटरसेप्शन की घटनाओ को सरकार ने गंभीरता से लेते हुए एजेंसियों को समुचित कदम उठाने के निर्देश दिए है।

बता दें कि पूर्व में ADG मुकेश गुप्ता ने सुप्रीम कोर्ट में दस्तावेज पेश कर गैर कानूनी रूप से उनके फोन इंटरसेप्ट किए जाने का आरोप लगाया था। एक बार फिर इस तरह की घटनाओ से केंद्रीय एजेंसियों के अफसरों के पीड़ित होने की ख़बरें सामने आ रही है। सूत्र बता रहे है कि केंद्र सरकार का साइबर सेल छत्तीसगढ़ में किसी “उपकरण” की तलाश में जुटा है।  

हाल ही में छत्तीसगढ़ में केंद्रीय एजेंसियों ने कम समय में बेहतर प्रदर्शन कर जनता की तिजोरी पर डाका डालने वाले अखिल भारतीय सेवाओं के कई अफसरों की सुध ली है। सरकारी मशीनरी जामकर रोजाना करोडो की उगाही करने वाले अफसरों के अलावा कई कारोबारी,उद्योगपति और कोल माफिया केंद्रीय एजेंसियों के हत्थे चढ़े है। आईएएस समीर विश्नोई समेत उनकी गैंग में शामिल 3 कारोबारी जेल की हवा खा रहे है। इन छापो में करोडो की नगदी मनी लॉन्ड्रिंग,हवाला और अन्य निवेश के दस्तावेज भी बरामद हुए है।

ये सामग्री छापे में उस वक्त बरामद हुई जब केंद्रीय एजेंसियों के दस्तक देने की भनक आम लोगों तक को काफी पहले लग चुकी थी। बताया जाता है कि विपरीत परिस्थितियों के बावजूद केंद्रीय एजेंसियों ने सूझबूझ का परिचय देते हुए छापेमारी कर बड़ी कामयाबी हासिल की है। 

सूत्र बताते है कि केंद्रीय एजेंसियों की छापेमारी की लगातार सूचनाऍ लीक होने के मामले को काफी गंभीरता से लिया गया है। जानकारी के मुताबिक केंद्रीय एजेंसियों के कुछ अफसरों ने हैरानी जताते हुए छत्तीसगढ़ में उनके फोन इंटरसेप्ट किए जाने की शिकायत की है। सूत्रों के मुताबिक पीड़ित अफसरों ने कुछ प्रमाणों के साथ मामले को CBI के संज्ञान में भी लाया है। बताते है कि एजेंसियों की शिकायतों को भारत सरकार ने गंभीरता से लिया है।

गौरतलब है कि पिछले दिनों IT-ED की छापेमारी के पूर्व प्रदेश की विभिन्न सीमाओं,होटलो और जिलों के चुनिंदा स्थानों में ख़ुफ़िया विभाग काफी सक्रीय रहा था। इसके अलावा केंद्रीय एजेंसियों की राह में रोड़ा अटकाने के लिए सरकारी संसाधनों के दुरूपयोग की चर्चाये भी गली-बाजारों में जोरो पर थी।

बताते है कि छत्तीसगढ़ में दाखिल होते ही IT-ED को कई प्रशासनिक दांव-पेचो से भी दो-चार होना पड़ा था। लिहाजा केंद्र सरकार और सीबीआई के संज्ञान में लाई गई शिकायतों की पड़ताल के भी शुरू होने की ख़बरें सुर्ख़ियों में है।

उधर,छत्तीसगढ़ में ख़ुफ़िया विभाग की कमान संभाल रहे आईपीएस आनंद छाबड़ा का अचानक रायपुर से बतौर रेंज IG के पद पर दुर्ग तबादला चर्चा में है।