रायपुर : छत्तीसगढ़ में एक नई बल्कि दो सुपर CM है। इनकी बानगी देखिये, एक डिप्टी कलेक्टर के पद पर है। जबकि दूसरा सुपर CM प्रमोटी IAS और राज्य में 36 हजार करोड़ के नान घोटाले का मुख्य आरोपी है। दोनों का नाम उनके काले कारनामों को लेकर सुर्खियों में है।
रायपुर से लेकर दिल्ली तक सुप्रीम कोर्ट में चल रहे मामलो और विभिन्न केंद्रीय जाँच एजेंसियों की कार्यवाही के चलते दोनों सौम्या चौरसिया और अनिल टुटेजा काफी चर्चित है।
ये दोनों दागी अफसर ईमानदारी के साथ नियमानुसार कार्य करने वाले अखिल भारतीय सेवाओं के अफसरों पर कहर बनकर टूटते है। उनकी कार्यप्रणाली के गैर कानूनी गतिविधियों के ढेरो प्रमाणों के बावजूद सरकार उन पर कार्यवाही को लेकर मौन है। दागी अफसरों के महत्वपूर्ण पदों पर काबिज रहने से शासन की मंशा पर भी सवालिया निशान लग रहा है।
फिलहाल दोनों सुपर सीएम के खिलाफ ED ने दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में एक हजार पन्नो का चालान पेश किया है। इसमें पता चल रहा है कि दोनों जूनियर दागी अफसर कैसे किसी भी सीनियर अफसर को ठिकाने लगाने के लिए साजिशों को अंजाम देते थे।
मुख्यमंत्री के अधिकारों का उपयोग खुद करते हुए ये दोनों दागी सुपर CM बन बैठे। सीनियर अधिकारियो को ठिकाने लगाना और रोजाना करोडो की ब्लैक मनी इकट्ठा करना उनकी दिनचर्या का हिस्सा है।
इन दोनों दागी सुपर सीएम की कार्यप्रणाली छत्तीसगढ़ शासन पर भारी पड़ रही है।अभी तक कांग्रेस बीजेपी पर सुपर सीएम को लेकर तंज कसते नजर आई है। पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के कार्यकाल में वरिष्ठ IRS अफसर अमन सिंह को भूपेश बघेल सुपर सीएम बताते रहे है।
उन्होंने सुपर सीएम का मुद्दा बनाकर विधान सभा चुनाव 2018 में बीजेपी पर कई हमले किए थे। लेकिन अब उनकी ही सरकार में एक नहीं बल्कि दो सुपर सीएम सामने है। अब वक्त का पहिया घूम कर फिर विधान सभा चुनाव 2023 की ओर मुड़ गया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के अधीनस्थ दो सुपर सीएम की सवारी जनता को रौंद रही है। इसी खेमे की बागडोर मुख्यमंत्री के हाथो में है।