ये हैं मानसून में होने वाली 5 बीमारियां, लक्षण और बचाव भी जान लें |

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गर्मी से राहत देने वाला मानसून अपने साथ कई जानलेवा बीमारियों को भी लेकर आता है | ऐसे में समय रहते सही इलाज न मिलने पर कई बार रोगी अपनी जान तक गवां देता है |   मलेरिया,डेंगू,चिकनगुनिया और गैस्ट्रोएन्टराइटिस जैसी बीमारियां इस लिस्ट में शामिल हैं |   आइए जानते हैं आखिर क्या है इन बीमारियों के लक्षण और बचाव का तरीका |    

मलेरिया-

मानसून में सबसे ज्यादा परेशान मच्छरों से होने वाली बीमारियां करती हैं |  ऐसी ही एक बीमारी का नाम है मलेरिया  |  यह बीमारी फीमेल एनोफेलीज मच्छर के काटने से होती है | इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति में बुखार, सिरदर्द, बदनदर्द, कमजोरी, चक्कर आना जैसे लक्षण दिखाई देते हैं |   इस बीमारी से बतने के लिए व्यक्ति को पूरी तरह ढके हुए कपड़े पहनने चाहिए |   इसके अलावा अपने आसपास साफ-सफाई का भी ध्यान रखें. घर के आसपास जलभराव न होने दें |   समय-समय पर मच्छरों को दूर रखने के लिए घर की नालियों के आसपास स्प्रे करवाते रहें|

डेंगू-

मानसून में मच्छरों से होने वाली यह दूसरी गंभीर बीमारी है |   डेंगू से हर साल सैकड़ों लोग अपनी जान गवां देते हैं |   इस बुखार से पीड़ित व्यक्ति में सिरदर्द, रैशेज, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, ठंड लगना, कमजोरी, चक्कर आने जैसे लक्षण दिखाई देते हैं |   डेंगू से पीड़ित व्यक्ति को ज्यादा से ज्यादा लिक्विड डाइट लेनी चाहिए |   इसके अलावा इन लक्षणों के नजर आते ही तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए |    

चिकनगुनिया-

मानसून में एडिस मच्छर के काटने से चिकनगुनिया होता है. इस बीमारी के लक्षण डेंगू से मिलते-जुलते होते हैं |   यह मच्छर ज्यादातर दिन के समय काटते हैं. सिरदर्द, आंखों में दर्द, नींद न आना, कमजोरी, शरीर पर लाल चकत्ते बनना और जोड़ों में तेज दर्द इस बीमारी के लक्षण हैं |  इस बीमारी से बचने के लिए घर के आसपास सफाई रखें ताकि आपके आस-पास मच्छर न पैदा हो सकें|

गैस्ट्रोएन्टराइटिस-

गैस्ट्रोएन्टराइटिस यानी आंत्रशोथ पाचन तंत्र में संक्रमण और सूजन के कारण होने वाले बीमारी है |   इसमें व्यक्ति को पेट में ऐंठन, दस्त और उल्टी जैसी शिकायत हो सकती है |  गैस्ट्रोएन्टेराइटिस से प्रभावित व्यक्ति को डायरिया हो सकता है |   यह अक्सर दूषित भोजन या पानी पीने की वजह से होता है |   ये वायरस खाने या पानी के साथ शरीर में प्रविष्ट करके 4 से 48 घंटे में अपना संक्रमण फैलाना शुरू कर देते हैं |  इसके उपचार में  तरल पदार्थों का अधिक मात्रा में सेवन, फार्मासिस्ट से उपलब्ध ओरल रिहाइड्रेशन पेय यानी ओआरएस का सेवन करना चाहिए |  इस रोग से बचने के लिए घर का स्वच्छ खाना खाना चाहिए |  बासी भोजन और दूषित पानी का प्रयोग करने से बचें. भोजन पकाने और खाने से पहले हाथ साबुन से अच्छी तरह धोएं|

हेपेटाइटिस ए-

यह बीमारी दूषित भोजन ग्रहण करने, दूषित जल और इस बीमारी से ग्रस्त व्यक्ति के संपर्क में आने से फैलती है |   पीलिया, थकावट, भूख न लगना, मिचली, हल्का बुखार, पीले रंग का यूरीन और सारे शरीर में खुजली इसके आम लक्षण है |   इस बीमारी को रोकने के लिए समय पर टीकाकरण करवाने के साथ अशुद्ध भोजन और पानी से दूर रहना चाहिेए |