सौम्या चौरसिया के कारनामों से ख़ौफ़ में मुख्यमंत्री बघेल,इस पत्रकार का सामना होते ही मुँह छिपाकर भाग निकले,वीडियो में कैद हुई घटना,मुख्यमंत्री की हालत देखकर हैरत में जनता,सरकार का अनुचित सरंक्षण सुर्खियों में,देखे वीडियो

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रायपुर : छत्तीसगढ़ सरकार पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की उपसचिव सौम्या चौरसिया आफत बनकर गिरी है। उसके कारनामों से IT – ED समेत कई एजेंसिया छत्तीसगढ़ में भ्रष्टाचार के मामलों की जाँच में जुटी है। कई IAS और IPS अफसर और कारोबारी सौम्या के कारण जेल की हवा खा रहे है। खुद सौम्या चौरसिया पर भी गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है। IT ने उसके खिलाफ छापों में बरामद डिजिटल सबूतों से छेड़छाड़ के मामले में दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में अपराध दर्ज कराया है।

सौम्या के खिलाफ हाईकोर्ट बिलासपुर और सुप्रीम कोर्ट में भी कई मामले विचाराधीन है। उसके खिलाफ केंद्र तो कार्यवाही में जुटा है। लेकिन छत्तीसगढ़ सरकार उसे बचा रही है। उसके खिलाफ विभागीय कार्यवाही करने में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पसीना छूट गया है।

छत्तीसगढ़ शासन उसके खिलाफ कार्यवाही से बच रहा है। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री बघेल से करीबी संबंध होने के चलते ना तो बघेल न्याय कर पा रहे है, वही शासन -प्रशासन ने भी वैधानिक कार्यवाही को लेकर अपनी नजरे फेर ली है। एक ताजा घटनाक्रम में रायपुर के वरिष्ठ पत्रकार सुनील नामदेव ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से सौम्या के कारनामों पर आखिरकर सवाल पूछ ही लिए।

दरअसल बिलासपुर की एक रैली में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने मुख्यमंत्री बघेल की उपसचिव सौम्या चौरसिया को लेकर छत्तीसगढ़ सरकार और मुख्यमंत्री पर हमला किया था। लाखों की भीड़ में स्मृति ईरानी ने मुख्यमंत्री पर कटाक्ष करते हुए पूछा था कि छत्तीसगढ़ में सरकार का रिमोट कंट्रोल सोनिया के या फिर सौम्या के पास है ? किसके पास है रिमोट कंट्रोल।

उनके इस सवाल के बाद कांग्रेसी खेमे में मातम पसर गया। बीजेपी पर लगातार हमला कर रहे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और कांग्रेस पार्टी के तमाम नेता अचानक मौन हो गए।

स्मृति ईरानी के दिल्ली पहुंचने के घंटो बाद भी दोनों ओर से कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई। सौम्या को लेकर कांग्रेस सरकार की चुप्पी से मामला रहस्यमय नजर आने लगा है। जनता पूछने लगी है कि क्या सौम्या चौरसिया कानून से उपर है। दरअसल सौम्या के खिलाफ छत्तीसगढ़ शासन स्तर पर कई कार्यवाई लंबित है।

उस पर वैधानिक कार्यवाही को लेकर ना तो मुख्यमंत्री बघेल इजाजत दे रहे है, और ना ही मुख्यसचिव कार्यालय कोई दिलचस्पी दिखा रहा है। हालात को देखते हुए वरिष्ठ पत्रकार सुनील नामदेव ने सीधे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से रूबरू होना मुनासिफ समझा। वे रायपुर पुलिस लाइन स्थित हैलीपैड पहुंच गए।   

पुलिस लाइन हैलीपैड में वरिष्ठ पत्रकार सुनील नामदेव का जब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से आमना – सामना हुआ तब नजारा देखने लायक था। हाथों में माइक थामे इस वरिष्ठ पत्रकार ने सौम्या चौरसिया को लेकर मुख्यमंत्री बघेल से सीधा सवाल किया। उन्होंने पूछा कि केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के आरोपों को लेकर उनका क्या जवाब है।

वरिष्ठ पत्रकार ने सौम्या मामले में सरकार से प्रतिक्रिया लेनी चाही। इस पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पैरों तले जमीन खिसक गई। पत्रकार का यह सवाल गले की फांस बन गया। सवाल सुनकर भूपेश बघेल भागते नजर आये। उनके कदम, तेजी से अपनी गाडी की ओर बढ़ गए। मुख्यमंत्री की सुरक्षा में तैनात अफसरों ने फ़ौरन मोर्चा संभाला और वरिष्ठ पत्रकार सुनील नामदेव की राह में रोड़ा बन गए। 

मौके पर अजीबोगरीब स्थिति देखने को मिली। मुख्यमंत्री ने सवाल सुनने के बाद फ़ौरन खुद को गाडी में कैद कर लिया। फिर शीशा भी चढ़ा लिया। बावजूद इसके पत्रकार ने अपने सवालों की झड़ी लगा दी। उधर गाडी में बैठे मुख्यमंत्री बघेल हाथ जोड़ते नजर आये। देखते ही देखते, मुख्यमंत्री का काफिला आगे बढ़ गया।

बताया जाता है कि भले ही मुख्यमंत्री बघेल ने इस महत्वपूर्ण सवाल से कन्नी काट ली हो। लेकिन सौम्या पर उनका अनुचित संरक्षण सुर्खियों में है। रायपुर से लेकर दिल्ली तक सौम्या के काले कारनामों की चर्चा हो रही है।  देखे वीडियो