राज्य सरकार ने सहकारी निर्वाचन आयोग के आयुक्त पद से गणेश शंकर मिश्र को हटा दिया है । उनकी जगह प्रमुख सचिव मनोज पिंगुआ को अतिरिक्त चार्ज दिया गया है । पिंगुआ अपनी मौजूदा ज़िम्मेदारियों के साथ सहकारिता निर्वाचन आयुक्त का ज़िम्मा भी संभालेंगे | पिंगुआ 1994 बैच के आईएएस है । गणेश शंकर मिश्रा पूर्व आईएएस हैं । पिछली सरकार ने जीएस को अक्टूबर 2018 में सहकारिता निर्वाचन आयोग का आयुक्त बनाया था ।
बताया जा रहा है कि सहकारिता चुनाव को लेकर जीएस मिश्रा और शासन से मतभेद की खबरें सामने आयी थी । विधायक देवेंद्र यादव ने शिवनाथ नदी के अनुबंध को लेकर सवाल उठाया था । जानकारी के मुताबिक उन्होंने मुख्यमंत्री भुपेश बघेल को पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग की थी । वहीं इससे पहले सरकार ने पांच जुलाई को आयुक्त के पद को लेकर नियमों में संशोधन किए हैं । जिसके तहत आयुक्त अब पदभार ग्रहण करने की तिथि से दो वर्ष या 62 वर्ष की आयु तक अथवा सरकार के आदेशानुसार पद पर बने रहेंगे । इससे पहले आयुक्त का कार्यकाल 5 साल अथवा 65 वर्ष की उम्र तक था । बता दें कि सितंबर 2018 में रिटायर होने के गणेश शंकर मिश्र को तत्कालीन रमन सरकार ने राज्य सहकारी निर्वाचन आयुक्त बनाया था ।
आयुक्त पद से हटाए जाने पर गणेश शंकर मिश्रा ने कहा है कि सरकार के आदेश पर कोई टिप्पणी नहीं करूंगा, बल्कि आदेश का पालन करते हुए चार्ज दे दिया है । उन्होंने कहा कि इतने दिनों तक पद पर रहने के लिए सरकार का आभारी हूं ।