उपेंद्र डनसेना
रायगढ़। सावन के महीने में जहां मंदिरों में भगवान “शिव के जयकारे” गूंजते हुए कांवडिये जल चढ़ाने के लिए बडी संख्या में उपस्थित हो रहे हैं | वहीं भक्तों की संख्या भी रोजाना भगवान “शिव” की आराधना में उमड रही है । सावन सोमवार में सबसे ज्यादा भीड कलयुग के भगवान कहे जाने वाले बाबा सत्यनारायण के तपो भूमि में देखने को मिलती है जहां बीते 23 साल से लगातार भगवान शिव को अपनी जीभ समर्पित कर तपस्या में लीन “बाबा सत्यनारायण” के दर्शन करने को भक्त पहुंचते हैं । कोसमनारा स्थित यह “तपो भूमि” पूरे भारत में ही नही बल्कि विदेशो में भी अपनी पहचान बना चुकी है |
चूंकि चाहे धूप हो, बरसात हो या ठंड अपनी तपस्या में लीन”बाबा सत्यनारायण” भगवान शिव की आराधना में लीन रहते हैं और ऐसा कभी हिमालय में बैठे ऋषि मुनियो के बारे में सुना था,जो सतयुग में ऐसी घोर तपस्या करते थे । इस तपो भूमि में सेवादार से लेकर उनके अन्य सहयोगी तथा भक्त बताते हैं कि यहां आने मात्र से ही उनकी मनोकामना पूरी हो जाती है और हर साल यहां विशाल भंडारा भी लगता है जिसमें लाखो लोग शामिल होते है ।
उनका कहना है कि यहां आने वाले भक्तों के लिए विशेष व्यवस्था की जाती है ताकि किसी प्रकार की परेशानी न हो और उनके दर्शन करने वाली महिलाएं भी आश्चर्य व्यक्त करती हैं कि आज के युग में ऐसे भी हठ योगी होते है । वे कहते हैं कि उन्हें इस बात का गर्व है कि रायगढ़ जिला मुख्यालय के ग्राम डुमरपाली का रहने वाले छात्र सत्यनारायण अब भगवान शिव की तरह पूजनीय हो गए है ।
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