नगरनार स्टील प्लांट के निजीकरण के विरोध धरना प्रदर्शन पर बैठे, मंत्री पुत्र हरीश कवासी, विनिवेशीकरण के खिलाफ चलेगी 9 दिवसीय धरना-प्रदर्शन, एनएमडीसी से पुछे दस सवाल, प्रतिदिन देंगे पांच पांच सदस्य धरना

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रिपोर्टर – रफीक खांन

सुकमा / विश्व की आधुनिकतम तकनीक पर आधारित अत्याधुनिक इंटेग्रेटेड स्टील प्लांट नगरनार की विनिवेशीकरण को लेकर आज से धरना प्रदर्शन चालू हो गया है । 24 सितम्बर से 2 अक्टूम्बर तक 5 सदस्यों की टीम नगरनार में धरना देंगे । आज प्रथम दिन धरना प्रदर्शन में बस्तर के दिग्गज नेता मंत्री छत्तीसगढ़ शासन कवासी लखमा के पुत्र हरीश कवासी जिला पंचायत अध्यक्ष सुकमा ने इसकी शुरुआत कर दी है । ज्ञात हो कि केंद्र सरकार द्वारा बस्तर के सपनों के कारखानें नगरनार स्टील प्लांट को विनिवेशीकरण करने के फैसलों को लेकर , बितें कुछ दिनों से कड़ा विरोध करने का फैसला बस्तर के जनप्रतिनिधियों द्वारा लिया जा रहा है । इसको लेकर मंत्री पुत्र हरीश कवासी सुकमा जिला के राम वन गमन स्थल रामाराम मंदिर से नगरनार स्टील प्लांट तक पांच दिवसीय पदयात्रा निकालने का फैसला किया था। किंतु कोरोना के बढ़ते चिंताजनक विषयों तथा प्रशासन के द्वारा कोविड 19 का हवाला देते हुए इसकी अनुमति प्रदान नहीं मिली थी । जिसके बाद पदयात्रा को कुछ दिनों के लिए स्थगित करते हुए । प्रति दिन पांच पांच सदस्यों द्वारा नगरनार स्टील प्लांट के प्रांगण में धरना प्रदर्शन देने का निर्णय लिया गया । जो कि आज दिनांक से 2 अक्टूबर तक नव दिवसीय चलेगा। जिसमें बस्तर के दिग्गज नेताओं सहित विधायकों आला जनप्रतिनिधि शामिल रहेंगे ।

आज के धरना प्रदर्शन पर हरीश कवासी ने जारी की प्रेस विज्ञप्ति

केन्द्र सरकार के तेजी से बढ़ते प्रक्रिया का हवाला देते मंत्री पुत्र हरीश कवासी ने अपने प्रथम दिवसीय धरना प्रदर्शन का आरंभ करते हुए । प्रेस विज्ञप्ति जारी की है, इस विरोध स्वरूप धरना प्रदर्शन में आज उनके साथ जिला पंचायत सदस्य बकावंड धनुर्जय कश्यप , पार्षद कमलेश पाठक ,जनपद सदस्य दरभा तुला कश्यप शामिल हैं । अपने प्रेस विज्ञप्ति में हरीश कवासी ने अपनी बात रखते हुए कहा कि एनएमडीसी ने भी केन्द्र सरकार के बढ़ते प्रक्रिया में विनिवेशीकरण की दिशा में कदम बढ़ाते हुए स्टील प्लांट के डी-मर्जर करने का फैसला कर लिया है। डी-मर्जर की प्रक्रिया 8 माह में पूरी कर ली जायेगी। डी-मर्जर के साथ साथ विनिवेशीकरण की प्रक्रिया भी जारी रहेगी ।
18 माह में विनिवेशीकरण हो जाएगा। इसका विरोध नहीं किया गया तो प्लांट का निजीकरण होना तय है । डी-मर्जर का फैसला एनएमडीसी ने अपने मन से नहीं लिया है। यह बात केन्द्र सरकार के डिसइन्वेस्टमेंट डिपार्टमेंट के द्वारा 15 नवम्बर को जारी एक पत्र से साफ हो गया है । जिसमें कहा गया है कि नगरनार स्टील प्लांट का डी-मर्जर करना है। और फिर रणनीति रूप से बेचने की बात कही है। पत्र को संलग्न करते हुए उन्होंने ने एनएमडीसी को बस्तर के जनता को बाताना चाहिए दस सवालों का जवाब कहते हरीश ने दस सवाल किए है। जो कि इस प्रेस विज्ञप्ति पत्र पर है ।