रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य सूचना आयोग के मुख्य सूचना आयुक्त श्री एम के राउत ने बड़ी कार्रवाई करते हुए चार जनसूचना अधिकारी को सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत समय पर आवेदक को जानकारी नहीं देने के कारण 75 हजार रूपए का अर्थदंड का आदेश पारित किए हैं। लोकतांत्रिक व्यवस्था में सरकार एवं प्रशासन की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता एवं जिम्मेदारी को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 प्रभावशील है। सरकार के क्रियाकलापों के संबंध में नागरिकों को जानकार बनाने के लिए यह अधिनियम मिल का पत्थर साबित हो रहा है।
सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत आरटीआई एक्टिविस्ट रूपानंद सोई ने तात्कालिक सचिव ग्राम पंचायत जनसूचना अधिकारी ग्राम पंचायत राजा सवैया खुर्द जिला महासमुंद से वर्ष 2018-19 में पंचायत से संबंधित जानकारी मांगी थी। जिन्हे समय सीमा पर जानकारी और दस्तावेज प्राप्त नहीं होने से अपीलार्थी ने मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत पिथौरा के कार्यालय में प्रथम अपील प्रस्तुत किया। प्रथम अपीलीय अधिकारी के द्वारा कोई जानकारी उपलब्ध नहीं कराने के कारण अपीलार्थी ने जनसूचना अधिकारी के विरूद्व छत्तीसगढ़ राज्य सूचना आयोग में द्वितीय अपील प्रस्तुत किया। मुख्य राज्य सूचना आयुक्त श्री एम के राउत ने द्वितीय अपील प्रक्ररण आवेदनों का अवलोकन कर अधिनियम के तहत अपीलार्थी और जनसूचना अधिकारी को सुनने के पश्चात अपीलार्थी को समय सीमा में जानकारी नहीं प्रदाय करने एवं आयोग में कोई जबाब प्रस्तुत नहीं करने के साथ ही आयोग के पत्रों का कोई जवाब नहीं देने पर जन सूचना अधिकारी दीनदयाल चौहान ग्राम पंचायत राजा सवैया जिला महासमुंद को 25 हजार रूपए का अर्थदण्ड का आदेश पारित किए।