60 लड़कियों को छुड़ाने वाली मानव तस्करों के चंगुल से बस्तर की बेटी राजेश्वरी को भृत्य की नौकरी दिए जाने की घोषणा विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत ने की |

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  छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत रायपुर के ऑडिटोरियम में आयोजित वरिष्ठ पत्रकार प्रियंका कौशल और विशाल यादव की पुस्तक “नरक “के विमोचन में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे | विधानसभा अध्यक्ष ने मंच से मानव तस्करों के चंगुल से छूटी बस्तर की बेटी राजेश्वरी को विधानसभा परिसर में भृत्य की नौकरी आज से ही दिये जाने की घोषणा की । वहीं डिजियाना आना ग्रुप के चेयरमैन ने राजेश्वरी सलाम को 500000 देने की घोषणा की है ।  

      विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत ने अपने उद्बोधन में कहा कि राजेश्वरी को भले ही चतुर्थ श्रेणी की नौकरी दे रहे हैं लेकिन उन्हें कुछ अन्य काम कराया जाएगा ।  साथ ही प्रदेशभर में मानव तस्करी पर हो रहे अत्याचार को लेकर कड़ा कानून बनाया जाएगा |  दरअसल बस्तर की बेटी राजेश्वरी सलाम का 2012 में मानव तस्करों ने अपने चंगुल में फंसा कर सेलम स्थित एक फैक्ट्री में जाकर बेच दिया था |  जिसके बाद बस्तर की बेटी राजेश्वरी ने अपनी सूझबूझ का परिचय देते हुए वह उनके चंगुल से बाहर निकली और ना सिर्फ खुद छूट कर आई बल्कि अपने साथ साथ लड़कियों को छुड़ाने में कामयाब रही इन्हीं के शीर्षक पर लिखी गई नरक पुस्तक का आज विमोचन किया गया । इस विमोचन के अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार एवं दिग्विजय सिंह की पत्नी अमृता राय और कैबिनेट मंत्री रविंद्र चौबे भी मौजूद थे ।

          कार्यक्रम में उपस्थित प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री रवीन्द्र चौबे ने इस मामले को वरिष्ठ पत्रकार प्रियंका कौशल द्वारा समाज के सामने लाने पर पत्रकार समाज की तारीफ किया । उन्होंने कहा कि मेरे मन में यह भ्रांति थी कि पत्रकारिता में केवल आलोचना का ही स्थान होता है पर आज वह भ्रांति दूर होगी । पत्रकारिता समाज और सरकार को नई दिशा दिखाने का काम करती है । उन्होंने कहा कि वह आत ही मुख्य सचिव से बात कर प्रदेश में मानव तस्करों के खिलाफ कार्रवाई करने की रणनीति बनाने का निर्देश देंगे । 

           इस पुस्तक में बस्तर के कांकेर जिले के सुदूर गांव में रहने वाली राजेश्वरी सलाम को मानव तस्करों द्वारा तमिलनाड़ु में ले जाकर बेंच दिये जाने और उसके छूटकर लौटने, फिर पुलिस की मदद से तमिलनाड़ु में मानव तस्करों द्वारा ले जायी गयी बस्तर की 60 अन्य बेटियों को छुड़ाकर ले आने की दास्तान लिखी गयी है । कार्यक्रम में उपस्थित युवा उद्यमी तेजिन्दर सिंह ने लोगों से आग्रह किया वे भिक्षा मांग रहे बच्चों को पैसे देने के बजाया खाने की सामग्री दें क्योंकि यह पैसा बच्चों से भिक्षाटन कराने वाले अपराधी के पास जाता है । उन्होंने इस मौके पर राजेश्वरी को पांच लाख रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान किये जाने की घोषणा की ।