नई दिल्ली. सरकार ने नियमों का सही तरीके से पालन और टैक्स चोरी पर लगाम लगाकर इनकम टैक्स वसूली में 40 फीसदी का बड़ा इजाफा किया है. इतना ही नहीं पूरे वित्तवर्ष के लिए तय किए गए लक्ष्य का 35 फीसदी सिर्फ तीन महीने में पूरा कर लिया.
सरकार की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, अप्रैल-जुलाई के चार महीने में पर्सनल इनकम टैक्स वसूली का आंकड़ा कॉरपोरेशन टैक्स वसूली के आंकड़े को भी पार कर गया है. अप्रैल-जुलाई के दौरान कुल प्रत्यक्ष कर वसूली बीते साल की समान अवधि के मुकाबले 40 फीसदी ज्यादा रही. इस दौरान सरकार ने 5 लाख करोड़ रुपये का प्रत्यक्ष कर वसूला, जो पूरे वित्तवर्ष के लिए तय 14.2 लाख करोड़ रुपये का 35 फीसदी है.
सरकार को इनकम टैक्स के रूप में हुई बंपर वूसली से अब योजनाओं पर खर्च बढ़ाने का मौका मिलेगा. सरकार इन्फ्रा क्षेत्र में अपना निवेश बढ़ा सकेगी, जिससे निजी क्षेत्र की कंपनियां भी पैसे लगाने के लिए उत्साहित होंगी. सरकार ने इस दौरान 67 हजार करोड़ रुपये का रिफंड भी जारी किया, जो पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 38 फीसदी ज्यादा है. एक्सपर्ट का कहना है कि सरकार को पेट्रोल-डीजल पर उत्पाद शुल्क घटाकर जो नुकसान हुआ था, उसकी भरपाई इनकम टैक्स वसूली में हुए इजाफे से हो जाएगी.
कॉरपोरेट टैक्स से ज्यादा रहा पर्सनल इनकम टैक्स
आम आदमी की ओर से जमा किए गए टैक्स का आंकड़ा इस बार कंपनियों की ओर से जमा टैक्स से भी आगे निकल गया. पर्सनल इनकम टैक्स के रूप में सरकार की कुल वसूली 2.67 करोड़ रुपये रही, जो कॉरपोरेशन टैक्स से 45 हजार करोड़ रुपये ज्यादा है. इसमें पिछले साल की तुलना में 52 फीसदी का इजाफा हुआ है. यह तब हुआ है, जबकि इस बार आयकर विभाग ने इनकम टैक्स फाइलिंग की डेडलाइन को 31 जुलाई से आगे नहीं बढ़ाया. ऐसा 9 साल में पहली बार हुआ है जब डेडलाइन नहीं बढ़ाई गई.
नए एआईएस फॉर्म ने बढ़ाया टैक्स
एक अधिकारी ने बताया कि सरकार ने इस बार करदाताओं के सभी तरह के लेनदेन और निवेश से जुड़े आंकड़े पेश करने वाले एनुअल इन्फॉर्मेशन स्टेटमेंट (AIS) फॉर्म को उतारा था. इसमें वित्तवर्ष के दौरान मिले ब्याज, डिविडेंड, सिक्योरिटी ट्रांजेक्शन, म्यूचुअल फंड जैसी सभी जानकारियां शामिल थीं. इससे पर्सनल इनकम टैक्स का दायरा बढ़ाने में मदद मिली. सेल्फ एसेसमेंट टैक्स इस बार जुलाई में 43,500 करोड़ रहा, बीते साल से 275 फीसदी ज्यादा है.
हालांकि, इस बार कॉरपोरेशन टैक्स वसूली भी 32 फीसदी बढ़कर 2.22 लाख करोड़ रुपये रही, जो चालू वित्तवर्ष के लिए तय 7.2 लाख करोड़ का 31 फीसदी है. बीते वित्तवर्ष में कुल कॉरपोरेशन टैक्स 7.12 लाख करोड़ रहा था, जबकि पर्सनल टैक्स की वसूली 6.73 लाख करोड़ रुपये थी.