भोपाल:- सुलभ शौचालय कॉम्प्लेक्स में चल रहे इस क्लीनिक को संजीवनी क्लीनिक के नाम से जाना जाता है.ये 2020 में शुरू किया गया था. पहले यहां मरीज आने में हिचकिचाते थे. धीरे धीरे लोग आने लगे और आज यहां हर महीने डेढ़ से दो हजार मरीज OPD में आते हैं. टॉयलेट में क्लीनिक खोलने के पीछे कारण ये है कि इसके लिए बिल्डिंग नहीं मिल पा रही थी, तो जनप्रतिनिधियों ने बंद पडे़ सुलभ शौचालय को ही ठीक करवाकर यहां क्लीनिक शुरू करवा दिया. धीरे धीरे मरीजों की संख्या बढ़ती गई. आलम ये है कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अफसर भी इस अस्पताल की तारीफ कर चुके हैं.
कॉम्प्लेक्स में चल रहे इस क्लीनिक की संजीवनी केंद्र सरकार भी तारीफ कर चुकी है. इसका कारण ये है कि झुग्गी बस्ती के लिए चलाए जा रहे इस छोटे से अस्पताल में सारा काम पेपरलैस हो रहा है. मरीजों को पेपरलेस ओपीडी के पर्चे दिए जाते हैं और डॉक्टर का प्रिस्क्रिप्शन भी मोबाइल पर ही दिया जाता है और पर्यावरण बचाने का संदेश दिया जाता है.यहां OPD में ब्लड प्रेशर, शुगर जांच एएनसी, पीएनसी टेस्ट के लिए कई मरीज आते हैं.
स्थानीय नागरिकों के मुताबिक़ अस्पताल के शुरू होने से घर के नजदीक आसानी से इलाज हो जाता है. पहले यहां शौचालय था जो कई सालों से बंद हो गया था. हर जगह गंदगी पड़ी रहती थी. अब तो याद भी नहीं कि यहां कभी सुलभ शौचालय था. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के जॉइंट सेक्रेटरी डॉ. हरमीत सिंह ने मध्यप्रदेश के भोपाल दौरे के समय रोशनपुरा संजीवनी क्लीनिक का निरीक्षण किया था और तारीफ की थी.