दिल्ली वेब डेस्क / देशभर में मजदूर वर्ग सरकार की मुसीबत बढ़ाने में कोई कसर बाकि नहीं छोड़ रहे है | मुफ्त खाना पीना, ठहरने की व्यवस्था, इलाज, बगैर काम के मजदूरी सहित कई सुविधाएं मुहैया कराने के बावजूद ज्यादातर मजदूर लॉक डाउन तोड़ अपने घरों में जाने की जिद पर अड़े हुए है | इनकी वजह से संक्रमण का खतरा बढ़ गया है | सरकार इनकी सहायता के लिए हर संभव प्रयास कर रही है | उनके बैंक खातों में रकम भी डाली गई है |
लेकिन मजदूरों की अजीबोंगरीब जिद के आगे उसके सारे प्रयास निरर्थक साबित हो रहे है | दिल्ली समेत कई राज्यों के लिए मजदूरों की जिद मुसीबत बन गई है | ताजा मामला दिल्ली का ही है | दिल्ली पुलिस ने लॉक डाउन के दौरान एक ट्रक में सवार होकर हरियाणा के पलवल जा रहे 37 प्रवासी मजदूरों को पकड़कर उन्हें शेल्टर होम भेज दिया है ।
अधिकारियों ने बताया कि पुलिस ने ओखला टी-प्वाइंट के पास हरियाणा रजिस्ट्रेशन नंबर वाले एक ट्रक रोका, जांच के दौरान ट्रक में 37 मजदूर सवार पाए गए। उनके ठेकेदार ने पुलिस को बताया कि वह दिल्ली की ओखला मंडी से इन मजदूरों को काम के लिए पलवल मंडी लेकर जा रहा है। पुलिस उपायुक्त दक्षिण-पूर्व आर.पी. मीणा ने न्यूज़ टुडे को बताया कि ठेकेदार बिहार के लखीसराय जिले का रहने वाला है |
वह पलवल में कामकाज कर रहा था। पकड़े गए मजदूर उसके साथ छतरपुर में रह रहे थे। पुलिस के मुताबिक समझाइस के बाद भी जब ये लोग वापस लौटने पर तैयार नहीं हुए तो इनके खिलाफ कार्रवाई की गई है | इन सभी पर आईपीसी की धारा 188, 269 और 270 तथा महामारी कानून की धारा तीन के तहत मामला दर्ज किया गया है।
उधर पुलिस उपायुक्त दक्षिण अतुल कुमार ठाकुर ने भी बताया कि उनकी एक टीम ने साउथ एक्सटेंशन में भी बिहार में अपने गृह जिले वैशाली जाने की कोशिश कर रहे सात प्रवासी मजदूरों को पकड़ा है। उन्होंने यात्रा के लिए त्रिलोकपुरी निवासी व्यक्ति की एक एसयूवी कार 37,000 रुपये के किराये पर ली थी। वाहन को जब्त कर लिया गया है और सातों मजदूरों को शेल्टर होम भेजा गया है। डीसीपी ठाकुर ने बताया कि एसयूवी चालक के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है और उसे गिरफ्तार कर लिया गया है। डीसीपी ने बताया कि मजदूरों द्वारा चालक को दी गई अग्रिम राशि उन्हें लौटा दी गई है।