रायपुर : रायपुर जिला अदालत में लगातार दूसरी बार वरिष्ठ पत्रकार सुनील नामदेव और वीडियो जर्नलिस्ट साजिद की मजबूत घेराबंदी में दिनभर पुलिस जुटी रही। पत्रकार सुनील नामदेव को तो सुबह 11 बजे से ही पुलिस ने अदालत परिसर में ही नजरबंद कर रखा। विभिन्न कक्ष में अदालते बोलते नजर आई।
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यहां तक कि कुख्यात आरोपी सौम्या चौरसिया ने भी वकीलों के जरिए अपनी बात अदालत के समक्ष रखी। वही दूसरी ओर कोर्ट की पहली मंज़िल के कक्ष क्रमांक 106-107 के अंदर बाहर भारी पुलिस बल तैनात रहा। यहां तमाम वकील पुलिस अधिकारियो को हैरानी भरी निगाहो से देख रहे थे।
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वरिष्ठ अधिवक्ता सुदीप जौहरी और ए.के सेन अपने टेबल पर आला अधिकारियो की फौज देखकर अचरज में पड़ गए। हकीकत से रूबरू होते ही वकील साहब की आंखे फटी की फटी रह गई। दरअसल वरिष्ठ पत्रकार सुनील नामदेव और वीडियो जर्नलिस्ट साजिद को करीब 3 ASP 6 DSP 13 TI और सैकड़ो पुलिस कर्मियों ने ग्राउंड फ्लोर से लेकर पहली मंज़िल तक घेरे रखा। वे दोनों पत्रकारों को घेरे में लेकर इधर- उधर चहल कदमी करते भी नजर आए।
लेकिन पुलिस अफसरों ने कुख्यात आरोपी सौम्या चौरसिया के मीडिया कवरेज से दोनों ही पीड़ितों को रोके रखा। जबकि कई दरबारी और प्रेस मीडिया कर्मी अपना कार्य करते नजर आए। उन्हें पुलिस ने जरा भी अपना कार्य करने से नहीं रोका। जबकि सुनील नामदेव और साजिद की कड़ी घेराबंदी कर पुरे समय उन्हें अपने कब्जे में रखा। पुलिस के मुताबिक उन्हें दोनों पत्रकारों की घेराबंदी के निर्देश आलाधिकारियो ने दिए थे। उधर कई वकीलों ने इस मामले में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को कटघरे में खड़ा किया।