
दिल्ली / मुंबई : सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने सॉफ्ट पोर्न और अश्लील कंटेंट परोसने वाले 25 एप पर बैन लगा दिया है | जबकि इनकी संख्या 80 के लगभग बताई जाती है | ऐसे एप देश के कई फूहड़ गैंग संचालित कर रहे थे | जानकारी के मुताबिक देश भर के कई स्कूली बच्चे तक ऐसे एप के दीवाने बन गए थे | सोशल मीडिया में सक्रीय जवान हो रहे स्कूली बच्चो के आलावा ऐसे एप की वयस्कों में भी बड़ी फैन्स फॉलोविंग बताई जाती है | केंद्र सरकार ने सॉफ्ट पॉर्न परोसने वाले उल्लू ऐप को भी बैन कर दिया है. इस ऐप को साल 2018 में विभु अग्रवाल ने बनाया था, जो आईआईटी कानपुर से ग्रेजुएट हैं. उनकी नेट वर्थ करीब 100 करोड़ के आसपास बताई जाती है.

जानकारी के मुताबिक सरकार ने एक चौंकाने वाला फैसला लेते हुए करीब एक दर्जन भारतीय ऐप पर बैन लगा दिया है. इसमें बहुचर्चित उल्लू (ULLU) ऐप भी शामिल है, जिसे देश के करोड़ों लोगों ने डाउनलोड किया है. उल्लू ऐप के फाउंडर अपनी कंपनी का आईपीओ लाने की तैयारी कर रहे थे और इसी बीच ऐप पर बैन लगने की वजह से उनका बिजनेस पूरी तरह ठप होने की आशंका है. चर्चा में आए उल्लू ऐप का आखिर मालिक है कौन और अभी तक इस ऐप से कितना पैसा बनाया. सरकार ने इस पर रोक क्यों. लगाई ? इसे लेकर भी चर्चाओं का दौर गर्म है | सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की ओर से जारी नोटिफिकेशन में कहा गया है कि उल्लू और ऑल्ट बालाजी जैसे ऐप सॉफ्ट पॉर्न परोस रहे हैं. बच्चों तक भी इनकी आसान पहुंच है. लिहाजा समाज में फैलती इस बुराई पर रोक लगाना जरूरी है. इसके साथ ही करीब एक दर्जन ऐप को बैन कर दिया गया, जिन पर ऐसे बोल्ड कंटेंट परोसे जा रहे थे. उल्लू ऐप को एक ऐसे व्यक्ति ने बनाया था, जिसका फिल्म निर्माण से कोई लेनादेना नहीं था और न ही उन्हें इस फील्ड का कोई अनुभव था.

उल्लू ऐप का फाउंडर : आपको जानकर हैरानी होगी कि उल्लू ऐप बनाने वाला कोई फिल्मी जगत का बंदा नहीं, बल्कि एक स्कॉलर है. आईआईटी कानपुर से बीटेक की पढ़ाई करने वाले विभु अग्रवाल ने उल्लू ऐप को बनाया था. विभु को बिजनेस की फील्ड में अच्छा-खासा अनुभव था और उन्होंने कई सफल बिजनेस करने के बाद एंटरटेनमेंट फील्ड में हाथ आजमाया था. विभु ने ग्रेजुएशन के बाद जापान से एमबीए की पढ़ाई की और बायोमेडिकल इन्फॉर्मेटिक्स में पीएचडी करने स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी चले गए. वहां साइंस और मेडिकल सेक्टर में अच्छा खास अनुभव लेकर वह इंडिया वापस आए.

30 साल पहले से बना रहे उल्लू, चर्चा में पहली कंपनी : जानकारी के मुताबिक विभु अग्रवाल ने भारत वापस आकर बिजनेस की दुनिया में कदम रखा और साल 1995 में जेपीको इंडिया के नाम से पहला बिजनेस शुरू किया. यह एक स्टील प्रोडक्शन बिजनेस था. इसकी शुरुआत उन्होंने भले ही छोटे से गांव से की थी, जल्द ही यह उत्तर भारत का सफल बिजनेस बन गया. इसके बाद उन्होंने टेक बिजनेस में हाथ डाला और वहां सफलता मिलने के बाद मीडिया और इंटरटेनमेंट की दुनिया में छा गए |