छत्तीसगढ़ में 2200 करोड़ का शराब घोटाला नए मोड़ में, पूर्व मुख्यमंत्री पिता – पुत्र लपेटे में, अनवर ढेबर के सरकारी गवाह बनने का अंदेशा, ट्रांजिट रिमांड पर मेरठ के लिए रवाना हुए ढेबर….

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नोएडा /रायपुर/दिल्ली: छत्तीसगढ़ में कारोबारी अनवर ढेबर की गिरफ्तारी से राजनैतिक गलियारों में हड़कंप है। कहते है कि कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में ढेबर की जुबानी और मौजूदा बीजेपी सरकार के कार्यकाल में उनकी तस्दीक कांग्रेस की राजनीति में बड़ा उलटफेर कर सकती है। अंदेशा जाहिर किया जा रहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपे बघेल और अनवर ढेबर की राह अब अलग – अलग हो सकती है। अंदेशा जाहिर किया जा रहा है कि कारोबारी अनवर ढेबर सरकारी गवाह भी बन सकते है। पूर्व आबकारी आयुक्त अरुणपति त्रिपाठी के इकबालिया बयान के बाद ढेबर भी सच की राह में है।

छत्तीसगढ़ EOW के बाद अब यूपी STF उनसे पूछताछ कर सकती है। सूत्रों के मुताबिक शराब घोटाले के अंतिम लाभार्थी के रूप में पूर्व मुख्यमंत्री भूपे बघेल, उनके पुत्र चैतन्य और दामाद का नाम सामने आया है। बताते है कि ये तीनों शराब घोटाले के प्रमुख लाभार्थी है। फ़िलहाल जांच जारी है, इस बीच अनवर के सरकारी गवाह बनने की सुगबुगाहट तेज हो गई है। इसके साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री बघेल का कुनबा सुर्ख़ियों में है। बताते है कि बीते 5 सालों में ‘बघेल खंड’ ने सरकारी तिजोरी लूटने में दिन – रात एक कर दिया था। एजेंसियों को कई ऐसे सबूत हाथ लगे है, जिससे बघेल कुनबे पर भी गिरफ़्तारी की तलवार लटक रही है। 

आज रायपुर कोर्ट परिसर से लेकर कांग्रेस के अंदरखानों में शराब घोटाले की हनक सुनाई दी। कांग्रेसी गलियारों में कारोबारी अनवर ढेबर की पीठ थपथपाई जा रही है। उन्हें पूर्व मुख्यमंत्री का खास राजदार माना जाता था। बताते है कि अनवर की गिरफ्तारी के बाद बघेल एंड कंपनी ने उनसे किनारा कर लिया है। ढेबर ने इसके पूर्व दावा किया था कि वे पूरी ईमानदारी के साथ कारोबार करते है। सालाना अपनी कमाई का हिसाब – किताब आयकर विभाग को भी सौंपते है। सत्ता से करीबी तालुकात उन्हें महंगा पड़ा है। मौजूदा दौर में अनवर ढेबर अपनी लड़ाई खुद लड़ रहे है।

बताते है कि सत्ता की मलाई चखने के बाद बघेल ने ढेबर बंधुओं को मुश्किल में डाल दिया है। यह भी बताया जा रहा है कि अनवर ढेबर सरकारी गवाह बनने के लिए गम्भीरतापूर्वक विचार कर रहे है। कांग्रेसी गलियारों में आज दिन भर ढेबर मामले को लेकर माथापच्ची चलती रही। कई कांग्रेसी तस्दीक करते नजर आये कि लाभ कमाने के बाद नौ दो ग्यारह हो जाना, भूपे की पुरानी आदत है। फ़िलहाल इस मामले को लेकर राजनीति भी तेज है।

जमानत पर जेल से रिहा हुए अनवर ढेबर को उत्तर प्रदेश एसटीएफ की टीम रायपुर से मेरठ के लिए रवाना हो गई है। एसटीएफ 48 घंटे के भीतर अनवर को मेरठ कोर्ट में पेश करेगी। यूपी एसटीएफ की टीम 3 गाड़ियों में सवार होकर रायपुर कोर्ट पहुंची थी। रायपुर कोर्ट ने बुधवार को ट्रांजिट रिमांड पर अनवर को यूपी STF को सौंप दिया है। कोर्ट परिसर में ढेबर से मिलने वालों का तांता लगा रहा। 

2200 करोड़ के शराब घोटाले में पूर्व मुख्यमंत्री भूपे बघेल की मुसीबत बढ़ गई है। माना जा रहा है कि होलोग्राम में गड़बड़ी कर सरकारी रकम निजी खातों में जमा कर खुद बा खुद हजम किये जाने को लेकर बघेल के खिलाफ जल्द वैधानिक कार्यवाही की जा सकती है। छत्तीसगढ़ में EOW के अलावा ED भी मामले की विवेचना में जुटी है। सूत्रों के मुताबिक पूर्व आबकारी सचिव अरुणपति त्रिपाठी ने हालिया पूछताछ के दौरान शराब घोटाले के असली लाभार्थियों के नामों का खुलासा किया है।

इसमें पूर्व मुख्यमंत्री भूपे बघेल और उनके पुत्र चैतन्य की काली करतूतों का ब्यौरा भी शामिल है। अरुणपति त्रिपाठी के बाद कारोबारी अनवर ढेबर का बयान बघेल पिता – पुत्र के लिए काफी महत्वपूर्ण बताया जा रहा है। बताते है कि अनवर ढेबर से पहले ED और उसके बाद EOW की पूछताछ में कई चौंकाने वाली जानकारियां मिली है। शराब घोटाले के असली गुनहगारों को जेल की हवा खिलाने के मामले में ढेबर का बयान मील का पत्थर, बताया जा रहा है। माना जा रहा है कि अनवर ढेबर को सरकारी गवाह भी बनाये जाने को लेकर विचार मंथन जारी है।

हालांकि एजेंसियों की ओर से इस बारे में आधिकारिक रूप से कोई बयान सामने नहीं आया है। मेरठ में ढेबर से होने वाली पूछताछ में बघेल पिता – पुत्र का भविष्य दांव पर है। मंगलवार देर रात रायपुर के सिविल लाइन थाने में काफी गहमा – गहमीदेखी गई। यहाँ ढेबर की गिरफ्तारी को लेकर क़ानूनी दांव पेचों का दौर चलता रहा। ढेबर बंधुओं ने गिरफ्तारी का विरोध किया। उनके मुताबिक सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद पुनः उन्हें गिरफ्तार करना कोर्ट की अवमानना के दायरे में है। अमीन ख़ान ने छत्तीसगढ़ पुलिस पर उनके मुवक्किल को हाईजैक करने का आरोप लगाया।

उन्होंने कहा कि जमानत के बाद इलाज के लिए परिजन उन्हें अस्पताल ले जाना चाहते थे, लेकिन पुलिस ने इसकी अनुमति नहीं दी। ख़ान ने कहा कि अनवर ढेबर को उच्च न्यायालय से बेल मिली है, शाम तक उन्हें रिहा करना था, लेकिन देर रात तक रोक के रखा गया था। उन्होंने आरोप लगाया कि गिरफ्तारी की सूचना भी एक छोटे पेपर के टुकड़ों में दी गई है, आप देख रहे कि लोकतंत्र में किस तरह से जनता के अधिकारों का हनन किया जा रहा है। उधर ढेबर समर्थकों का देर रात तक थाने में हुजूम लगा रहा। जानकारी के मुताबिक, शराब घोटाले में कोर्ट से अनवर ढेबर को 14 जून को जमानत मिली थी।

बताते है कि मंगलवार देर शाम जैसे ही अनवर, सेंट्रल जेल से बाहर निकले, यूपी पुलिस ने उन्हें अपने कब्जे में ले लिया था। शराब घोटाले से जुड़े होलोग्राम में गड़बड़ी को लेकर UP STF ने भी अपनी कार्यवाही शुरू कर दी है। इस मामले को लेकर रायपुर की CJM कोर्ट ने UP STF को स्पेशल कोर्ट से रिमांड लेने के निर्देश दिए थे। यूपी STF ने अनवर ढेबर, पूर्व आबकारी सचिव अरुणपति त्रिपाठी और रिटायर्ड IAS अनिल टूटेजा को पूछताछ के लिए मेरठ ले जाने के लिए आवेदन पेश किया था।

मामले की सुनवाई के बाद यूपी पुलिस को अनवर ढेबर और अरुणपति त्रिपाठी को मेरठ ले जाने की मंजूरी मिली थी। जुलाई 2023 में शराब घोटाले से जुड़े नकली होलोग्राम मामले में ED के डिप्टी डायरेक्टर ने नोएडा के कासना थाने में एक FIR दर्ज कराई थी। इसमें ढेबर समेत कई आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। 3 मई 2023 को यूपी STF ने नोएडा के प्रिज्म होलोग्राफी सिक्योरिटी फिल्म्स प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ मामला दर्ज कर उसके मालिक विधू गुप्ता को गिरफ्तार किया था। STF से पूछताछ में गुप्ता ने होलोग्राम छपवाए जाने को लेकर अरुणपति त्रिपाठी का नाम लिया था। 

FIR में कहा गया कि घोटाले के लिए छत्तीसगढ़ आबकारी विभाग ने अवैध रूप से प्रिज्म होलोग्राफी सिक्योरिटी फिल्म्स प्रा. लि. को टेंडर दिया था। होलोग्राम की छपाई को लेकर इस कंपनी ने तत्कालीन मुख्यमंत्री बघेल की सहमति से निविदा शर्तों में संशोधन किया था। इसके लिए निविदा की शर्तों के साथ छेड़छाड़ कर मोटा कमीशन लिया गया था। बदले में डुप्लीकेट होलोग्राम की सप्लाई से घोटाले को अंजाम दिया गया था। पुलिस सूत्रों के मुताबिक आबकारी टेंडर मिलने के बाद, विधू गुप्ता ने डुप्लीकेट होलोग्राम की सप्लाई जारी रख छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कॉर्पोरेशन लिमिटेड में अपनी गहरी पैठ बना ली थी।

नकली होलोग्राम से अवैध वसूली के कार्य में 15 जिलों के आबकारी विभाग के अधिकारी और कर्मचारी भी शामिल बताये जाते है। फ़िलहाल अनवर ढेबर की गिरफ्तारी का मामला गरमाया हुआ है। ढेबर बंधुओं ने इस मामले को लेकर एक बार फिर अदालत का रुख किया है। बताते है कि आरोपियों के ठिकाने से 27 करोड़ की एक FD मिली थी। इसकी बरामदगी भिलाई से भाटिया बंधुओं के ठिकाने से हुई थी। सूत्र दावा कर रहे है कि बड़े पैमाने पर गरीबों को वितरित किये जाने वाला चावल शराब बनाने के लिए विभिन्न डिस्लरी को सौंपा गया था।

इसमें तत्कालीन मुख्यमंत्री की महत्वपूर्ण भूमिका थी। इसके एवज में बघेल के पुत्र के लिए 27 करोड़ का नजराना पेश किये जाने के कई प्रमाण एजेंसियों को मिले है। उधर कारोबारी अनवर ढेबर को यूपी STF ने अपने कब्जे में लिया है। उनकी गिरफ्तारी को लेकर बीती रात भारी बवाल भी हुआ है। यूपी पुलिस ने अनवर ढेबर को गिरफ्तार कर रायपुर के सिविल लाइन थाने में वैधानिक प्रक्रिया पूरी कराई। इस बीच सुप्रीम कोर्ट से जमानत प्राप्त होने के बावजूद ढेबर को गिरफ्तार किए जाने से काफी बवाल हुआ।