Employees Salary hike: प्रदेश के कर्मचारियों जल्द ही विशेष भत्ते का लाभ मिलने जा रहा है। जिसके लिए सरकार ने पूरी तैयारी कर ली है। राज्य सरकार द्वारा नोटिफिकेशन जारी कर कर्मचारियों को यह लाभ देने की घोषणा की गई है। इससे पहले केंद्रीय सरकार द्वारा अधिकारियों को मिलने वाले विशेष लाभ वापस लेने की घोषणा की गई थी। जिसके बाद अब राज्य सरकार की तरफ से कर्मचारियों को यह लाभ उपलब्ध कराया जाना है।
विशेष भत्ते को वापस ले लिया गया था
केंद्र सरकार द्वारा सितंबर महीने में पूर्वोत्तर में तैनात आईएएस अधिकारियों के अतिरिक्त मौजूद थे और हाउस रिटेंशन पॉलिसी सहित उनके विशेष भत्ते को वापस ले लिया गया था। इसके साथ यह कहा गया था कि इस प्रकार के प्रोत्साहन की आवश्यकता नहीं है क्योंकि पूर्वोत्तर राज्य में अब शांति कायम है और यह अच्छी तरह से एकीकृत है।
3 राज्यों में पहले ही हो चुकी घोषणा
केंद्र सरकार द्वारा लाभ वापस लिए जाने के कुछ महीने बाद ही पूर्वोत्तर के 6 राज्यों में से तीन राज्य नागालैंड मेघालय और असम सरकार द्वारा विशेष क्षति पूर्ति भत्ते की घोषणा की गई है। एआईएस में भारतीय प्रशासनिक सेवा, भारतीय पुलिस सेवा और भारतीय वन सेवा में सेवारत अधिकारी कर्मचारी शामिल रहते हैं। उन्हें विशेष भत्ते का लाभ दिया जाना है।
मूल वेतन में इतनी होगी बढ़ोत्तरी
केंद्र सरकार द्वारा योजना को वापस लिए जाने के अगले महीने 7 अक्टूबर को असम सरकार द्वारा राज्य में सेवारत आईएएस अधिकारियों को विशेष क्षति पूर्ति भत्ते देने की घोषणा की गई थी। जिसके तहत उनके मूल वेतन में 20% की बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। मेघालय सरकार द्वारा भी 23 दिसंबर को इसी तरह के पैकेज के साथ कर्मचारियों के मूल वेतन में 20% की बढ़ोतरी की घोषणा की गई थी। असम के अलावा मेघालय के AIS कर्मचारियों को मूल वेतन में 20% की वृद्धि के साथ क्षति पूर्ति भत् तेउपलब्ध कराया जा रहा है जबकि 17 जनवरी को नागालैंड सरकार की तरफ से आदेश जारी कर दिया गया।
नई नीति पर पुनर्विचार करने की मांग
अन्य तीन राज्य सरकार द्वारा अधिकारियों को मुआवजा देने की भी कोशिश की गई। केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल में सीमा सुरक्षा बल, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल सहित केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल और ITBP शामिल है। इसके अलावा सरकार को पत्र लिखा गया, जिसमें कठिनाई का हवाला देते हुए नई नीति पर पुनर्विचार करने की मांग की गई है। अधिकारियों का कहना है कि दूरदराज के इलाके में अधिकारियों को होने वाली कठिनाई के बारे में पत्र में बताया गया है सीआरपीएफ के क्षेत्र में तैनाती और दर्जनों आईपीएस सहित अन्य अधिकारी दूरस्थ क्षेत्र अंतर्राष्ट्रीय सीमा स्थानों पर तैनात है। ऐसे में कर्मचारियों द्वारा विशेष भत्ते को रोके जाने का विरोध जारी है और वह लगातार सरकार से इस पर पुनर्विचार की मांग कर रहे हैं।