दिल्ली / रायपुर: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की रोजाना की आमदनी में चार चाँद लगाने वाले भ्रष्ट नौकरशाहो की संपत्ति अटैच करने का सिलसिला अब शुरू हो गया है। ताजा जानकारी के मुताबिक ED ने सुपर सीएम अनिल टुटेजा और आबकारी सचिव अरुणपति त्रिपाठी की करोडो की संपत्ति अटैच कर ली है।
ED ने छत्तीसगढ़ के 2 हजार करोड़ के शराब घोटाले मामले में IAS अनिल टूटेजा, अनवर ढेबर, अरुण पति त्रिपाठी, अरविंद सिंह और विकास अग्रवाल की ₹121.87 करोड़ की 119 संपत्ति अब ED के हवाले है। इसमें 14 संपत्ति IAS अनिल टूटेजा की है जिसकी क़ीमत ₹8.883 करोड़ है। इससे पूर्व आरोपियों से एजेंसी नें ₹58 करोड़ की संपत्ति अटैच की थी,जो अब बढ़कर 180 करोड़ तक पहुँच गई है। यह जानकारी ED ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर दी है।
छत्तीसगढ़ की सरकारी तिजोरी पर हाथ साफ़ करने वालो में दोनों ही नौकरशाहो की प्रामाणिक भूमिका सामने आने के बाद ED ने उनकी अनुपातहीन सम्पत्तियो को भी अटैच करना शुरू कर दिया है। पहली गाज अनिल टुटेजा और अरुणपति त्रिपाठी पर गिरी है।
सूत्रों का दावा है कि अनिल टुटेजा की पत्नी मीनाक्षी टुटेजा से जारी पूछताछ के बीच अनुपातहीन संपत्ति के अटैच किए जाने का पहला दौर ही अभी पूरा हुआ है।
आरोपी अनिल टुटेजा,मीनाक्षी टुटेजा और पुत्र यश टुटेजा से अभी पूछताछ जारी है,अंदेशा जाहिर किया जा रहा है कि अन्य नामी-बेनामी संपत्ति पर भी भारत सरकार और एजेंसियों की नजर है। बताया जा रहा है कि इसी तर्ज पर अरुण पति त्रिपाठी की संपत्ति भी अटैच की गई है।
राज्य के 2 हजार करोड़ के आबकारी घोटाले में दोनों ही अफसरों की महत्वपूर्ण भूमिका बताई जाती है। त्रिपाठी ED के हिरासत में है,जबकि कारोबारी अनवर ढेबर को अदालत ने 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है।
कारोबारी अनवर ढेबर की प्राइम लोकेशन वाली कई सम्पत्तियो की पड़ताल जारी है,इसमें VIP रोड के कुछ सौदे भी बताए जाते है।
ED से प्राप्त जानकारी के मुताबिक लगभग 180 करोड़ की संपत्ति आरोपियों से जब्त की जा चुकी है,शेष संपत्ति और प्रकरणों को लेकर जांच जारी है।
राज्य में 2 हजार के गुलाबी-गुलाबी नोटों की खेप पर एजेंसियों की निगाहे गड़ी हुई है। सराफा कारोबारियों के अलावा रियल स्टेट कारोबार पर भी निगाह रखी जा रही है।
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उधर,सूत्र यह भी बता रहे है कि राजनांदगांव से कुछ खास ठिकानो पर रवाना की गई, लगभग 50 करोड़ की खेप सुर्खियों में है। बताते है कि किसी वर्दीधारी अफसरों ने मिल जुल कर यह खेप रवाना की थी। इस पहली खेप को ठिकाने लगाने की योजना भी चर्चा में बताई जा रही है।
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बताते है कि रायपुर और दुर्ग में सोने और अन्य आभूषणों में 2 हजार के नोटों की नगदी खपाने वाले ग्राहकों का तांता लगा हुआ है। पूरे हिसाब-किताब की गारंटी के साथ ब्लैक मनी खपाए जाने की जानकारी सामने आ रही है। यही हाल रियल स्टेट कारोबार और उसके चुनिंदा खिलाड़ियों का है।
कई चर्चित नौकरशाहों की 2 नंबर की रकम की खेप इसी कारोबार में निवेश करना मौजूदा दौर में जोखिम मुक्त माना जा रहा है।
सूत्र दावा कर रहे है कि विधान सभा के करीब स्थित बिलासपुर के कुछ कारोबारी इन दिनों धड्ड्ले से 2 हजार के नोट स्वीकार कर रहे है। IAS से ज्यादा दिलचस्पी इस कारोबार में IPS अधिकारी जता रहे है।