छत्तीसगढ़ के कवर्धा में हुए हादसे में मारे गए 19 लोगों के शवों का अंतिम संस्कार कर दिया गया है। 17 लोगों का तो एक साथ अंतिम संस्कार किया गया। 17 चिताएं जब एक साथ जलीं तो माहौल गमगीन हो गया। वहीं, दो महिलाओं के शवों का अंतिम संस्कार उनकी ससुराल में किया गया। इस दौरान डिप्टी सीएम विजय शर्मा और पंडरिया विधायक भावना बोहरा समेत सैकड़ों लोग मौजूद रहे।
हादसे में मृतकों के परिजन को प्रदेश सरकार 5-5 लाख रुपए और घायलों को 50 हजार का मुआवजा देगी। इसकी घोषणा मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने की। उन्होंने कहा कि दुख की इस घड़ी में सरकार मृतकों के परिजनों के साथ है। घायलों को इलाज की अच्छी सुविधा मिले, यह हम देख रहे हैं।
उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा उस गांव भी गए, जहां के ग्रामीण इस हादसे में मारे गए हैं। परिजन से मिलकर शर्मा ने उन्हें सांत्वना दी। दरअसल, 20 मई को तेज रफ्तार पिकअप पलटकर 20 फीट गहरे गड्ढे में गिर गया था। हादसे में 19 लोगों की मौत हो गई, 7 से ज्यादा लोग घायल हुए। हादसा कुकदूर थाना क्षेत्र के बाहपानी गांव के पास हुआ है।
SP अभिषेक पल्लव के मुताबिक मरने वालों में 18 महिलाएं शामिल हैं। इनमें मां-बेटी सहित 3 बच्चियां भी हैं। घायलों को एंबुलेंस से अस्पताल भेजा गया। हादसे के दौरान पिकअप में 25 लोग सवार थे। सभी लोग तेंदूपत्ता तोड़कर गांव लौट रहे थे। हादसा इतना जबरदस्त था कि 13 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई।
पुलिस के दावों से उलट ग्रामीणों का कहना है कि हादसे के समय पिकअप में 30 से 35 लोग सवार थे। ब्रेक फेल होने से हादसे की आशंका है। हादसे के बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, सीएम विष्णु देव साय, पूर्व सीएम भूपेश बघेल और पीसीसी चीफ दीपक बैज समेत कई नेताओं ने दुख जताया है।
मुख्यमंत्री बोले- दोबारा ऐसा न हो
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने घटना पर शोक जताते हुए कहा- हादसे का शिकार लोगों को यह राशि सहायता और बीमा से मिलने वाली राशि के अतिरिक्त है। प्रशासन को यह भी निर्देश दिए गए हैं कि सड़क सुरक्षा के प्रति अतिरिक्त सावधानी बरती जाए। ऐसे हादसे रोकने के लिए हर संभव उपाय हों, ताकि दोबारा ऐसे हादसे न हों।
बिलखते घर वालों से मिले डिप्टी सीएम विजय शर्मा
रायपुर में अपने सभी कार्यक्रम रद्द कर डिप्टी CM विजय शर्मा कवर्धा पहुंचे। सबसे पहले उन्होंने पंडरिया जिला अस्पताल पहुंचकर घायलों का हालचाल जाना। इसके बाद वे हादसे में मरने वाले लोगों के गांव सेमरहा गए और उनके परिजन से मिले। सभी मृतक एक ही गांव के रहने वाले थे।