Amarnath: अमरनाथ में पानी के सैलाब से 16 की मौत, 48 घायल, मलबे में दबे लोगों को निकालने के लिए खास तकनीक का इस्तेमाल

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अमरनाथ गुफा (Amarnath Cave) के पास बादल फटने (Cloudburst) के बाद आई बाढ़ में कई लोग बह गए. इस घटना में अब तक 16 लोगों की मृत्यु होने की खबर है जबकि 40 के आसपास लोग लापता बताए जा रहे हैं. हादसे के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन (Rescue Operation) जारी है. भारतीय सेना, NDRF, आईटीबीपी, जम्मू-कश्मीर पुलिस की टीमें रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी हुई है. इस हादसे में घायल लोगों का इलाज किया जा रहा है. हादसे में कई लोग घायल हुए हैं.

अमरनाथ गुफा के पास बादल फटने के बाद हुई इस घटना में घायल लोगों को तुरंत उपचार के लिए अस्पताल ले जाया गया है. एनडीआरएफ के डीजी अतुल करवाल (NDRF DG Atul Karwal) ने बताया कि अभी तक इस हादसे में 16 लोगों के मारे जाने की सूचना मिली है और 40 के आसपास लोग लापता बताए जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि रात 4 बजे तक रेस्क्यू का काम चला, लेकिन बारिश आने के कारण इसे बीच में ही रोकना पड़ा. आज सुबह छह बजे के करीब रेस्क्यू ऑपरेशन को फिर से शुरू किया गया. बता दें कि सेना के MI-17 हेलीकॉप्टर की मदद से अभी तक 8 लोगों के शवों को एयरलिफ्ट (Airlift) कर श्रीनगर लाया गया है.

सेना इस तकनीक का कर रही इस्तेमाल
सेना के मुताबिक, बाढ़ के मलबे में दबे जवानों और सिविलयन का पता लगाने के लिए सेना द्वारा खास वॉल पैनिट्रेसन रडार (Wall Penetration Radar) का इस्तेमाल किया जा रहा है. इस रडार का इस्तेमाल सेना द्वारा एंटी-टेरिरिस्ट ऑपरेशन में घर और दीवारों के पीछे आंतकियों की लोकेशन का पता लगाने के लिए किया जाता है. ये रडार दीवार के पीछे स्टेटिक और मूविंग टारगेट का पता लगा सकती है. इसी रडार को मलबे के नीचे दबे लोगों का पता लगाने के लिए किया जा रहा है.

आपको बता दें कि कल शाम अचानक आई बाढ़ के कारण पवित्र गुफा क्षेत्र के पास फंसे अधिकांश यात्रियों को पंजतरणी शिफ्ट कर दिया गया है. ITBP ने पविक्ष गुफा से पंजतरणी तक अपने मार्ग खोलने और सुरक्षा दलों का विस्तार किया था. यात्रियों को सुरक्षित पंजतरणी शिफ्ट करने का काम सुबह 3.30 बजे तक जारी रहा. अबतक करीब 15 हजार लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है.