यूपी में चंदौली जिला स्थित सिकंदरपुर गांव के समीप चंद्रप्रभा नदी के किनारे खेल रहे एक 12 वर्षीय बच्चे को मगरमच्छ ने तालाब में खींच लिया. जिससे डूबने से उसकी मौत हो गई. हालांकि शोर-शराबा सुनकर मौके पर भारी भीड़ इकट्ठा हो गई और ग्रामीणों ने काफी कोशिशों के बाद किशोर के शव को नदी से बाहर निकाला. वहीं आक्रोशित लोगों ने बच्चे के शव को सड़क पर रखकर चकिया मुगलसराय मार्ग को जाम कर दिया. बाद में मौके पर पहुंचे एसडीएम चकिया के आश्वासन के बाद जाम समाप्त हुआ.
ये है पूरा मामला
दरअसल चकिया कोतवाली अंतर्गत विजयपुरवा गांव में अपनी मां के साथ 12 वर्षीय चंदन चंद्रप्रभा नदी पर पहुंचा था. चंद्रप्रभा नदी कहर पतवार और जलकुंभी से पटी पड़ी थी जिस कारण झाड़ झंखाड़ के बीच छिपा मगरमच्छ मां-बेटे को नजर नहीं आया. इसी दौरान नदी किनारे खेल रहे चंदन को मगरमच्छ ने पैरों की तरफ से पकड़ लिया और नदी में खींच ले गया. अपनी आंखों के सामने बेटे को मौत के मुंह में जाता देखकर मां शोर मचाने लगी. जिसके बाद आसपास के लोग शोर सुनकर मौके पर पहुंचे. लेकिन तब तक मगरमच्छ चंदन को खिंचकर नदी की गहराई में ले जा चुका था.
4 घंटे की मशक्कत के बाद बच्चे के शव को नदी से निकाला गया
वहीं मगरमच्छ द्वारा किशोर को नदी में खिंचने की खबर इलाके में आग की तरह फैल गई. मौके पर बड़ी संख्या में ग्रामीण इकट्ठा हो गए. इसके बाद तत्काल पुलिस को इसकी सूचना दी गई. वहीं मामले की जानकारी होते ही चकिया पुलिस वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और किशोर को ढूंढने में लग गई. करीब 4 घंटे के अथक प्रयास के बाद बच्चे के शव को नदी के बीच से बाहर निकाला गया.
गुस्साए लोगों ने बच्चे के शव को सड़क पर रखकर मार्ग जाम कर दिया
वहीं इस घटना से आक्रोशित लोगों ने बच्चे के शव को सड़क पर रखकर चकिया-मुग़लसराय मार्ग जाम कर दिया. इधर मामले की जानकारी होते ही चकिया एसडीएम ज्वाइंट मजिस्ट्रेट प्रेम प्रकाश मीणा मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों से बात की. उन्होंने ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि कल से ही नदी की सफाई कराई जाएगी. आसपास के इलाके में अगर और कहीं कोई मगरमच्छ होगा तो उसको जाल के सहारे पकड़ कर दूसरी जगह छोड़ा जाएगा. इस आश्वासन के बाद ग्रामीणों ने सड़क जाम खत्म किया. वहीं बच्चे की मौत से परिजनों का रो रो कर बुरा हाल है.
चंद्रप्रभा नदीं में पहले भी मगरमच्छ कई लोगों को अपना शिकार बना चुका है
बता दें सिकंदरपुर के चंद्रप्रभा नदी में मगरमच्छ पहले से ही अपना डेरा डाले हुए हैं. इसके पूर्व भी मगरमच्छ के हमले से एक युवक के अलावा कई लोगों की जान जा चुकी है. इसके बाद भी मगरमच्छ से बचाव हेतु प्रशासन द्वारा कोई कदम नहीं उठाया गया है. जिससे ग्रामीणों में काफी आक्रोश है.