दिल्ली / देश में विभिन्न आंदोलनों के जरिये शांति भंग और बगावत के लिए 100 करोड़ से अधिक की रकम बैंक खातों में आई। ये रकम पीएफआई के कार्यकर्ताओं के खातों में आई थी। प्रवर्तन निदेशालय ने केरल की एक अदालत को बताया कि उसकी अब तक की जांच में खुलासा हुआ है कि पिछले कुछ सालों में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया अर्थात पीएफआई के बैंक खातों में 100 करोड़ रुपये से अधिक की राशि आई। ईडी केरल में पीएफआई के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग की जांच कर रही है। ईडी ने पीएफआई की छात्र विंग के नेता केए रऊफ शरीफ की हिरासत बढ़ाने जाने की अदालत से मांग की है। ईडी की याचिका पर विचार करते हुए अदालत ने रऊफ की हिरासत तीन और दिन के लिए बढ़ा दी।
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ईडी ने मनी लॉन्डिंग जांच के सिलसिले में रऊफ को गिरफ्तार किया था। ईडी ने आरोप लगाया कि पीएफआई और इससे जुड़ी सीएफआई जैसी संस्थाएं लगातार मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल हैं। उसके मुताबिक इस रकम का इस्तेमाल देशभर में गैरकानूनी गतिविधियों में किया जाता रहा है। ईडी ने यह भी कहा कि रऊफ जानबूझकर जांच में सहयोग नहीं कर रहा है। वो देश से फरार होने की फ़िराक में है। उसकी कोशिश मनी लॉन्ड्रिंग गतिविधि में शामिल होने का संकेत देती है। सुनवाई के दौरान रऊफ ने कोर्ट में जांच एजेंसी पर मानसिक रूप से प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। इस पर जज ने ईडी को ऐसा दोबारा नहीं होने देने को लेकर आगाह किया है।
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पीएफआई के बैंक खातों में आई रकम का खुलासा ईडी ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग मामलों के लिए विशेष अदालत में किया है। उसने अपने हलफनामे में कहा कि इस राशि के स्रोत और संवितरण जांच के दायरे में है। पीएफआई के बैंक खातों में जमा 100 करोड़ से अधिक रकम का बड़ा हिस्सा नकदी के तौर पर जमा कराया गया है। ईडी ने यह भी आरोप लगाया कि 2013 से पीएफआई विभिन्न अपराधों में शामिल रहा है और 2014 के बाद रकम हस्तांतरण और नकदी जमा में काफी बढ़ोतरी हुई। जांच में यह भी पता चला कि पीएफ्रआइ दिसंबर 2019 से फरवरी 2020 की अवधि के दौरान नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में हो रहे प्रदर्शनों और इन्हें पैसा मुहैया कराने में शामिल रहा है।
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ईडी ने इस साल फरवरी में हुए दिल्ली दंगों में भी पीएफआई सदस्यों की संलिप्तता और भूमिका का जिक्र किया है। उसने कहा कि बंगलूरू शहर में हाल में हुई हिंसा में भी पीएफआई के लिंक के संकेत मिले हैं। इसमें पीएफआई की राजनीतिक विंग एसडीपीआई की संलिप्तता पाई गई है। ईडी ने यह भी कहा कि पीएफआई पहले भी कानून व्यवस्था बिगाड़ने जैसे विभिन्न अपराधों में शामिल रहा है। उसने बताया कि देशभर में पीएफआई के कार्यालयों, अधिकारियों के कार्यालयों और आवासों पर मारे गए छापों में आपत्तिजनक दस्तावेज और डिजिटल डिवाइस जब्त की गई है। इससे पता पड़ा कि पीएफआई ने विदेशों से बड़ी मात्रा में पैसा जुटाया था।