प्रेम प्रकाश शर्मा [Edited By ; शशिकांत साहू]
हाथियों का आतंक थमने का नाम नही ले रहा कभी फसल को चौपट करते है तो कभी लोगो को कुचल कर मार डालते है | जसपुर जिले के तपकरा वन परिक्षेत्र में हाथियों ने एक रिटायर्ड BSF जवान को कुचलकर मार डाला । बताया जा रहा है कि जवान अपने रिश्तेदार के यहाँ से वापस लौट रहा था | इसी दौरान हाथियों ने जवान को घेर लिया और उस उसके ऊपर हमला बोल दिया | जिससे जवान की मौके पर ही मौत हो गई | ग्रामीणों ने इसकी सुचना वन विभाग और पुलिस को दी | मौके पर पहुंची पुलिस ने लाश पंचनामा कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है |
वनमंडल अधिकारी कृष्ण कुमार जाधव ने आज बताया कि जंगली हाथयों का उत्पात से उड़ीसा और झारखंड राज्य से लगे दर्जन भर गांव बुरी तरह से प्रभावित हैं । उन्होने बताया कि पड़ोसी राज्य से आकस्मिक पहुंचने वाले जंगली हाथियों के दल को लेकर ग्रामीणों को सचेत नहीं कर पाने से यंहा जनहानि के लगातार मामले सामने आ रहे हैं । जाधव ने बताया कि आज बीती रात तपकरा वन परिक्षेत्र में ग्राम पंचायत लठबोरा में उड़ीसा के हाथियों का दल आ पहुंचा था । इन हाथियों ने BSF के जवान त्योफिल तिर्की 55 वर्ष को कुचल कर मार डाला । उन्होंने बताया कि पीड़ित परिवार के सदस्यों को वन विभाग ने तत्काल 25 हजार रुपये की आर्थिक सहायता राशि उपलब्ध करा दी है | उन्होने बताया कि उड़ीसा और झारखंड राज्य के सुन्दरगढ़ व सिमडेगा जिले के वन अधिकारियों की संयुक्त बैठक बुला कर सुचनाओं का आदान प्रदान के पुख्ता इंतजाम किए जाऐंगे। उन्होने बताया कि जशपुर जिले के सभी प्रभावित गांवों जागरूकता अभियान पर भी जोर दिया जाऐगा । जाधव ने बताया कि उड़ीसा राज्य के जंगल यंहा से लगे होने के कारण जंगली हाथियों के दल तपकरा,कुनकुरी और पत्थलगांव क्षेत्र के जंगलों में विचरण करने लगतजे हैं। इन हाथियों के दलों पर लगातार निगरानी के साथ छत्तीसगढ़ झारखंड और उड़ीसा राज्य में आवाजाही की सूचना पर तीनों राज्य का वन अमला संयुक्तरूप से काम करेगा ।
हाथियों को भगाने के लिए बुगबुगी लाइट की प्लानिंग |
उधर सिरपुर क्षेत्र के हाथी प्रभावित गांवों से जंगली हाथियों को खदेड़ने के लिए वन विभाग के अमला तरह-तरह के उपाय कर रहे हैं । नई-नई तकनीक के माध्यम से हाथियों को रिहायशी क्षेत्र में विचरण करने से रोकने का प्रयास हो रहा है । लेकिन वन विभाग के सभी योजनाओं और तकनीकियों को हाथियों का दल फेल करते हुए लगातार रिहायशी एरिया में घुसकर उत्पात मचाने से नहीं चूक रहे हैं । जिससे हाथी प्रभावित गांव के लोगों में हाथियों का भय बना हुआ है । इस बीच अब बुगबुगी लाइट सेे हाथी भगाने की प्लानिंग की गई है । इस इलाके में पिछले तीन-चार वर्षाें से जंगली हाथियों ने अपना डेरा जमाया हुआ है ।
इससे पहले वन विभाग ने जंगली हाथियों को खदेड़ने लिए कुमकी हाथी के नाम पर लाखों रुपये खर्च किए । वन अमला द्वारा कुमकी हाथी की मदद से सिर्फ एक जंगली हाथी को ही रेडियो कॉलर पहनाया जा सका । इसके बाद भी हाथियों का उत्पात कम नहीं हुआ। जंगली हाथियों ने उत्पात मचाकर किसानों को नुकसान पहुंचाया, और यह क्रम लगातार जारी भी है । हाल ही में वन अमले ने खिरसाली के जंगल में सरगुजा पद्धति हाथी विकर्षण बेरीकेट्स(ईआरबी) का सहारा लिया, जो सफल नहीं हो सका ।जानकारी के अनुसार हाथियों को जंगल की ओर खदेड़ने के लिए वन अमला गांव पहुंच सीमा परईआरबी (हाथी विकर्षण बेरीकेट्स) और ईआरएल (हाथी विकर्षण लाइटिंग) लगाकर ट्रायल कर रहे हैं । हाथी प्रभावित गांव कुकराडीह में इस नई तकनीक का प्रयोग किया जा रहा है । यहां पिछले सप्ताहभर से 19 हाथियों ने कब्जा जमाया हुआ है । ईआरबी तकनीक में खंभा गड़ाकर उसमें तार बिछाया जाता है । जिसमें बैटरी से करंट प्रवाहित किया जाता है, जिसके सम्पर्क में आने से हाथियों को जोरदार झटका लगता है और हाथी अपना दिशा बदलकर पुन: जंगल की ओर लौट जाता है । इसी तरह ईआरएल में हाथी के विचरण क्षेत्र में बैटरी चलित लाइट लगाया जा रहा है । जिसे स्थानीय भाषा मेंजुगजुगी (बुगबुगी) लाइट नाम दिया गया है । यह लाइट ऑटोमेटिक बंद-चालू होता है । जिससे हाथियों का दल विचलित होकर लाइटिंग से दूर हटेगा। ऐसा वन विभाग का दावा है ।