हाथियों के हमले से बचने के लिए ग्रामीणों का रत जगा । जंगली हाथियों का ग्रामीणों पर बरस रहा है कहर ।

0
19


जशपुर \ प्रेम प्रकाश शर्मा \     छत्तीसगढ़ में हाथियों का जबरदस्त आतंक । राज्य के आधा दर्जन जिलो में हाथियों ने हमला बोल दिया है । ज्यादातर हाथियों के झुण्ड खेत खलियानो में खड़ी फसल को चट कर रहे है । इसके चलते किसानों की जान पर बन आयी है ।  ताजा मामला छत्तीसगढ़ के जशपुर वन मंडल के सेमरताल गांव का है , जहाँ बीती रात जंगली हाथी ने एक महिला को कुचल कर मार डाला। ग्रामीणों का आरोप है कि विचरण कर रहे जंगली हाथियों की जानकारी दे पाने में वन अधिकारियों की विफलता को लेकर ग्रामीणों में काफी आक्रोश है। 


       जशपुर वन मंडल अधिकारी कृष्णकुमार जाधव ने बताया कि  सेमरताल क्षेत्र में जंगली हाथियों के हमले से एक महिला की मृत्यु का प्रकरण दर्ज किया गया है। जंगली हाथी ने इस महिला के घर की बाड़ी में पहुंच कर अचानक जानलेवा हमला कर दिया था। वन विभाग ने  मृतक महिला के परिजनों को 25 हजार रू. की तात्कालिक आर्थिक सहायता राशि उपलब्ध करा कर अपना पल्ला झाड़ लिया है । जाधव  के मुताबिक पत्थलगांव, दुलदुला, मनोरा, बगीचा और बादलखोल अभ्यारण्य में विचरण कर रहे जंगली हाथियों के किसी भी दल में कालर आईडी की सुविधा नहीं होने से इनकी गतिविधियों की सेटेलाईट से जानकारी नहीं मिल पा रही है। इसी वजह सेमरताल क्षेत्र के ग्रामीणों को भी  समय पूर्व जंगली हाथियों की उपस्थिति से सतर्क नहीं किया जा सका था। 


             जशपुर जिले में जंगली हाथियों से ग्रामीणों की मौत का सिलसिला पर विराम नहीं लग पाने से कुनकुरी विधायक यूडी मिंज ने गहरी चिंता व्यक्त की है। उन्होने कहा कि जशपुर, रायगढ़, सरगुजा जिलों में जंगली हाथियों का उत्पात रोकने की सभी योजनाऐं निरर्थक साबित हुई हैं। इसके विपरित हाथी और मानव व्दंद में इजाफा होने से यंहा के वन क्षेत्र में लगातार कमी आई है। श्री मिंज ने कहा कि वन क्षेत्र में फलदार पौधे एंव जंगली घांस व पानी के समुचित इंतजाम करने की वृहद कार्य योजना मुख्यमंत्री के समक्ष प्रस्तुत की गई है। इस पर क्रियान्वयन होने से मानव तथा वन्य प्राणियों की सुरक्षा की अच्छी पहल हो सकती है।