वर्दीधारी डकैत निलंबित डीजीपी मुकेश गुप्ता को हाईकोर्ट ने जांच में सहयोग करने के निर्देश दिए |
बिलासपुर / छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के एक फैसले के बाद वर्दीधारी डकैत मुकेश गुप्ता से बातचीत का रास्ता खुल गया है | अदालत ने मुकेश गुप्ता के खिलाफ “नो कोएसिव आफ एक्शन” का निर्देश देकर आरोपी मुकेश गुप्ता को भी निर्देशित किया है कि वो जांच में सहयोग करे | दरअसल आरोपी मुकेश गुप्ता वा उसकी बेहद करीबी आरोपी रेखा नायर , EOW और पुलिस के कई नोटिसों की ना तो तामीली कर रहे है , और ना ही जांच अधिकारीयों के समक्ष उपस्थित हो रहे है | इसके चलते दोनों ही आरोपियों के खिलाफ लंबित मामलों पर पूछताछ थम गई है | बिलासपुर हाईकोर्ट ने गुरुवार को आरोपी मुकेश गुप्ता की एक याचिका पर “नो कोएसिव आफ एक्शन” का निर्देश दिया है। हालांकि साथ ही ये भी निर्देश दिया है कि वो जांच में सहयोग करेंगे। हाईकोर्ट बिलासपुर में जस्टिस सावंत की एकल पीठ ने यह फैसला सुनाया है। अदालत के इस फैसले के बाद छत्तीसगढ़ पुलिस को उम्मीद है कि लंबे दिनों से नदारद चल रही “बंटी और बबली ” की जोड़ी कम से कम अब जांच अधिकारियों के समक्ष उपस्थित होगी | अदालत के इस फैसले से आला पुलिस अधिकारीयों ने राहत की सांस ली है | उन्हें भी उम्मीद है कि अब दोनों ही आरोपी कानून का सम्मान करेंगे |
बिलासपुर हाईकोर्ट ने आरोपी मुकेश गुप्ता की ओर से दायर याचिका की सुनवाई के बाद EOW में दर्ज दो मामलों 6 और 7 नंबर केस को लेकर “नो कोएसिव आफ एक्शन” का निर्देश दिया है | हालांकि आरोपी मुकेश गुप्ता और आरोपी रेखा नायर के खिलाफ दर्ज मौजूदा मामलों के अलावा आधा दर्जन से ज्यादा ऐसे प्रकरण है , जिनपर अभी FIR दर्ज होना बाकी है | छत्तीसगढ़ पुलिस और उसके जांच अधिकारी कई गंभीर मामलों में दोनों ही आरोपियों से पूछताछ करना चाहते है | लेकिन दोनों ही आरोपी “चोर-पुलिस” की तर्ज पर ढूंढे नहीं मिल रहे है | EOW ने आरोपी मुकेश गुप्ता और रेखा नायर को कई नोटिस भेजा है , लेकिन दोनों ही आरोपियों ने किसी भी नोटिस को ना तो स्वीकार किया है , और ना ही कोई जवाब दिया है |
आरोपी रेखा नायर के खिलाफ EOW ने अख़बारों में इश्तिहार भी जारी किया था | ऐसा ही इश्तिहार आरोपी मुकेश गुप्ता के खिलाफ जारी होना था | लेकिन उससे पहले अदालत ने अपना सुरक्षित रखा फैसला सुना दिया | गौरतलब है कि आरोपी मुकेश गुप्ता की याचिका पर 9 अप्रैल 2019 को सुनवाई पूरी होने के बाद अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रखा था | लगभग हप्तेभर से ज्यादा दिनों बाद जब यह फैसला आया तो पुलिस और मामले की जांच कर रहे अधिकारियों ने राहत की सांस ली है | दोनों ही आरोपियों से कई अपराधों को लेकर सवालों की फेहरिस्त पहले से ही तैयार रखी है | लेकिन दोनों के बयान दर्ज नहीं होने के चलते विवेचना ठप्प पड़ी थी | बताया जाता है कि कार्यालयीन समय में दोनों ही आरोपियों से EOW के कमरा नंबर पांच में पूछताछ होगी | पूछताछ के दौरान पूरी वीडियों रिकार्डिंग भी होगी , ताकि पारदर्शिता पूर्वक जांच हो सके | PHQ से मिली एक जानकारी के मुताबिक दोनों ही आरोपियों के जांच अधिकारीयों के समक्ष पेश होने की सूचना मीडिया कर्मियों और पत्रकारों को समय आने पर दी जाएगी |
