
भोपाल और इंदौर में हनीट्रैप मामले की तप्तीश में जुटी मध्यप्रदेश पुलिस की टीम ने रायपुर में भी दस्तक देने की तैयारी में है | इसके लिए तीन सदस्यीय टीम का गठन किया गया है, इसमें एक महिला सब इंस्पेक्टर भी शामिल है | सूत्रों के मुताबिक दो डीएफओ और एक आईएएस अधिकारी से पूछताछ के लिए इस टीम को रायपुर रवाना किये जाने की सूचना है | प्राप्त जानकारी के मुतबिक हनीट्रैप मामले में छत्तीसगढ़ में पदस्थ तीनों ही अफसरों से पूछताछ होगी | इन अफसरों का सीधा संपर्क हनीट्रैप मामले की मुख्य आरोपी श्वेता जैन , बरखा भटनागर और आरती दयाल से बताया जा रहा है | सूत्रों के मुताबिक वन विभाग , हार्टिकल्चर और एक बड़े जिले में NGO को प्राप्त कार्य में “हनी ट्रैप” का उपयोग किया गया था | तथा कथित NGO को कार्य देने के पूर्व ” मिडियेटर ” और “सहयोगी” ने जिम्मेदार अफसरों को मुम्बई , गोवा और दिल्ली में ” मौज-मस्ती ” का साधन मुहैया कराया था | NGO को कार्य मिलने के बाद भी दो बड़े शहरों में अफसरों ने ” दो दिन ” और ” तीन राते ” बिताई थी | भोपाल से रायपुर पहुंचे रहे पुलिस कर्मी अपने साथ मुंबई, गोवा और दिल्ली के उन होटलों के बिल और एयर टिकट का ब्यौरा लेकर आये है , जिसमे विभिन्न तिथियों में दो आईएफएस और एक आईएएस अधिकारी ठहरे थे | हालांकि मामला किस वर्ष ? अथवा अवधि का है, इसकी पुख्ता जानकारी नहीं मिल पाई है | ये जरूर बताया जा रहा है कि तीन में से दो अफसरों ने अपनी यात्रा का अनुभव भी संदिग्ध लड़कियों से साझा किया था | इसके बाद संदिग्धों से कई महीनो तक अफसरों का संपर्क बना रहा | सूत्रों के मुताबिक ” हनी ट्रैप ” मामले में जप्त वीडियों क्लिप, सीडीआर और व्हाट्सप्प मेसज के अलावा अन्य सबूतों के आधार पर छत्तीसगढ़ में पदस्थ संदिग्ध अफसरों से पूछतांछ होगी |
बताया जाता है कि ये तीनों ही अफसर जब बतौर डीएफओ प्रदेश के दो अलग-अलग बड़े जिलों में तैनात थे , तब श्वेता जैन, बरखा सोनी और आरती दयाल ने अपने “सहयोगियों” के जरिये छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों में सरकारी योजनाओ में NGO की सहभागिता को लेकर सक्रियता दिखाई थी | ” हनी ट्रैप ” गिरोह को ज्यादातर जिलों में कोई तबज्जो नहीं मिली, लेकिन तत्कालीन दो डीएफओ ने उन्हें वन विभाग में एनजीओ का काम सौंपा था | इसके बाद एक नक्सल प्रभावित जिले के तत्कालीन ” कलेक्टर ” ने भी बहती गंगा में ” नाव ” की सवारी की थी | प्राप्त जानकारी के अनुसार एक आईएएस अधिकारी ने बतौर “कलेक्टर” श्वेता जैन और उसकी दोस्तों के साथ पहले मुंबई और फिर गोवा का सफर तय किया था | हनीट्रैप मामले में गिरफ्तार दो महिला आरोपियों के पास से पुलिस को मिले वीडियों क्लिप और व्हाट्सअप कॉल से छत्तीसगढ़ में पदस्थ तीनों ही अफसरों का ब्यौरा मिला है | बताया जाता है कि दोनों आईएफएस अधिकारी पदोन्नति पाकर सीएफ बन चुके है जबकि “कलेक्टर” साहब वर्तमान में विभागध्यक्ष भवन इंद्रावती में महत्वपूर्ण पद पर तैनात है |
नाम ना छापने की शर्त में मध्यप्रदेश पुलिस के एक वरिष्ठ अफसर ने बताया कि छत्तीसगढ़ में पदस्थ किसी भी अफसर को ना तो ” आरोपी ” बनाया गया है और ना ही उनका नाम ” पीड़ितों ” में शामिल है | चूकि यहां पदस्थ अफसरो के भी “हनी ट्रैप ” आरोपियों से सम्पर्क स्थापित रहे है , इसलिए सिर्फ उनसे पूछताछ होगी | इस अफसर ने यह भी बताया कि संदिग्ध महिलाओं के साथ दिल्ली , मुंबई और गोवा जाने का कारण इन अफसरों से पूछा जायेगा | उनके मुताबिक अफसरों की यात्रा टिकट एवं उनके ठहरने का प्रबंध ” NGO ” की ओर से किया गया था | यह ब्यौरा जप्त दस्तावेजों में दर्ज है |

सूत्रों के मुताबिक ” हनी ट्रैप ” गिरोह में 40 से ज्यादा खूबसूरत लड़कियां शामिल थी | हालांकि ये सभी विष-कन्याओं से कम नहीं थी | यहाँ भी इनका ” रैन बसेरा ” होता था | वहां ” शिकार ” का पूरा वीडियों बन जाता था | बताया जाता है कि ” हनी ट्रैप ” में फंसे कई नेताओं और वरिष्ठ अफसरों के मोबाइल में श्वेता जैन , बरखा भटनागर और आरती दयाल के मोबाइल नंबर दर्ज होते थे | वही दूसरी ओर संदिग्ध लड़कियां और आरोपी अपने पास कई नंबर रखती थी, लेकिन “खास” नंबर कुछ चुनिंदा लोगों के ही पास होता था | मामले में आरोपी बनाई गयी पांचो महिलाओ के कॉल डिटेल्स और सीडीआर से कई चौकाने वाले तथ्य उजागर हुए है | एटीएस की टीम ने आरोपियों के वर्ष 2008 से लेकर अब तक के सीडीआर की पड़ताल शुरू की है | इनमे छत्तीसगढ़ के अलावा दिल्ली , उत्तरप्रदेश , राजस्थान और महाराष्ट्र के कई नेताओ और बड़े अफसरों के सरकारी, निजी और गोपनीय नंबर प्राप्त हुए है | ज्यादतर लोगो ने इन महिलाओ के साथ रात 12 बजे से सुबह 4 बजे तक और सुबह 10 बजे से दोपहर 2 बजे तक कभी व्हाट्सअप पर तो कभी सामान्य फोन पर चैटिंग की है | बताया जा रहा है कि हनी ट्रैप उजागर होने के बाद ज्यादातर नेताओ और अफसरों ने संदिग्ध लड़कियों के नंबर डिलीट कर दिए है | एक जानकारी के मुताबिक हनी ट्रैप मामले में अभी तक पांच हार्ड डिस्क बरामद हुई है , इसमें मध्यप्रदेश के एक पूर्व राज्य्पाल , एक पूर्व मुख्यमंत्री , तीन पूर्व मंत्री और एक सांसद मौजूदा कांग्रेस सरकार के दो मंत्री पांच वरिष्ठ आईएएस एक डीजी स्तर अथवा दो एडीजी स्तर और दो एडिशनल एसपी स्तर के अफसरों के अलावा 13 बिल्डर की अश्लील वीडियों पाई गयी है | फिलहाल सभी आरोपी महिलाये 4 अक्टूबर तक न्यायिक हिरासत में है | बताया जा रहा है कि 4 अक्टूबर से पूर्व मध्यप्रदेश पुलिस “हनी ट्रैप” में फंसे महत्वपूर्ण नेताओ और अफसरों से पूछतांछ कर मामले की विवेचना को “नयी दिशा ” देगी |