सुमित सिंह [Edited By: शशिकांत साहू]
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र राजपुर में डॉक्टर के अनुपस्थित रहने के कारण बुधवार को एक वृद्धा की मौत हो गई । आक्रोशित परिजनों ने मौत के बाद लापरवाही का आरोप लगाते हुए जमकर की स्वास्थ्य विभाग के खिलाफ नारेबाजी । स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव के गृह ग्राम सरगुजा संभाग के राजपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बुधवार को डॉक्टर के अनुपस्थित रहने के कारण एक वृद्ध की मौत हो गई । इस मामले में राजपुर बीएमओ ने कहा कि डेथ बॉडी में बीपी ,पल्स कुछ नहीं रहता तो ट्रीटमेंट की आवश्यकता नहीं पड़ती, परिजन जब बॉडी लाए थे तो वह मृत थी डॉक्टर तथा स्टाफ सभी ड्यूटी में थे ।
जानकारी के अनुसार राजपुर वार्ड क्रमांक 13 खुटन पारा निवासी 62 वर्षीय वृद्धा मनराजो पति श्रीराम बरगाह का अपने घर में किसी बात को लेकर विवाद हो गया था | वृद्धा उक्त विवाद को लेकर राजपुर थाने जा रही थी कि अचानक कन्या शाला के पास पहुंचते ही वह बेहोश हो गई । वृद्धा के पीछे से आ रहे नाराज परिजनों ने बेहोशी की हालत में वृद्धा मनराजो को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र राजपुर में भर्ती कराया लेकिन वहां कोई भी डॉक्टर मौजूद नहीं थे । परिजनों ने जब इसकी सूचना अपने वार्ड पार्षद को दी तो वार्ड पार्षद ने राजपुर एसडीएम को इसकी सूचना दी । जब राजपुर एसडीएम आर एस लाल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र राजपुर पहुंचे तो वहां कोई भी डॉक्टर मौजूद नहीं था एसडीएम के पहुंचने के बाद जैसे तैसे डॉक्टर पहुचे और वृद्धा को मृत घोषित कर दिया ,जिस पर नाराज परिजनों ने अस्पताल परिसर में जमकर नारेबाजी की । अंत में एसडीएम ने अनुपस्थित रहने वाले डॉक्टरों को जमकर फटकार लगाई ।
बता दें कि राजपुर नगर के खुटनपारा निवासी मनराजो 62 वर्ष पति श्रीराम व चाचा सुमेश्वर बरगाह के बीच बर्तन धोने का पानी गिरने को लेकर विवाद हुआ,विवाद ईतना बढ़ गया कि वे सभी सिकायत करने राजपुर थाना जाने का विचार किया, तभी वे सभी थाना जाने के लिए पैदल ही निकल पड़े,ईसी दौरान कुछ दूर चलने के बाद मनराजो बेहोश हो कर रास्ते पर ही गिर गई | जिसे तत्काल बेहोशी के हालत में सुबह 8 बजे राजपुर सामुदायिक स्वास्थ केन्द्र लाया गया जहां उपचार दिलाने के लिए परिजनों को डॉक्टरों और स्टाफों को तलाशना मनराजो को अपनी जान गवां कर हरजाना चुकाना पड़ा | जबकी राजपुर सामुदायिक स्वास्थ केन्द्र में 4-एमबीबीएस,3-आरएमए और 10-नर्स न्यूक्त किये गये हैं । ईस प्रकार की लापरवाही को देख कर परिजन और नगरवासी काफी आक्रशित हो गये और डाक्टरों और अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ कड़ी कारवाई करने की मांग करते हुए हंगामा किया । देखना यही होगा कि संबंधित अधिकारि ऐसी लापरवाह डाक्टरों और अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ कब तक और कैसी कारवाई करती है ।