न्यूज डेस्क / अयोध्या केस को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने आज अपना ऐतिहासिक फैसला सुनाया | सीजेआई रंजन गोगोई ने कहा कि बाहरी प्रांगण में हिंदू पूजा करते रहे हैं | हाईकोर्ट ने इस मामले के तीन हिस्से किए ये तार्किक नहीं है | कोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार तीन महीने में मंदिर निर्माण की योजना बनाएं | कोर्ट ने मस्जिद के लिए अलग जमीन देने का आदेश दिया |
कोर्ट ने कहा, ‘मुस्लिम अपने साक्ष्यो से यह सिद्ध नहीं कर पाए की विवादित भूमि पर उनका ही एकाआधिकार था | इलाहाबाद हाईकोर्ट का वो आदेश जिसमें सुननी वक्फ बोर्ड को जमीन का बंटवारा का आदेश गलत था |’ कोर्ट ने कहा कि सरकार को ट्रस्ट बनाकर मंदिर बनाने की योजना तैयार करे | मुस्लिम पक्ष को दूसरी जगह जमीन देने का आदेश दिया | कोर्ट ने कहा कि मुस्लिम पक्ष को दूसरी जगह 5 एकड़ जमीन दी जाए |
पांच जजों ने सर्वसम्मिति से फैसला सुनाया
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने सुबह 10.30 बजे अपना फैसला सुनाना शुरू किया | सीजेआई ने शिया वक्फ बोर्ड की याचिका खारिज की | सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ के सभी पांच जजों ने सर्वसम्मिति से फैसला सुनाया है | फैसले की शुरुआत में सीजेआई ने कहा कि 30 मिनट में पूरा फैसला पढ़ा जाएगा |
1856-57 तक हिंदू करते रहे हैं पूजा
सीजेआई ने कहा कि 1856 से 57 तक उस स्थान पर हिंदुओं को पूजा करने से रोका नहीं गया था | सदियों से हिंदुओं द्वारा वहां पूजा किए जाना यह साबित करता है कि उनका विश्वास है उस स्थान पर रामलला विराजमान है |
ASI खुदाई में मिले दस्तावेजों को माना साक्ष्य
सीजेआई ने कहा बाबर के समय मीर बाकी ने मस्जिद बनवाई थी | 1949 में दो मूर्तियां रखी गई थी | सीजेआई ने कहा कि बाबरी मस्जिद हिंदू स्ट्रक्चर के ऊपर बनाई गई | यह मस्जिद समतल स्थान पर नहीं बनाई गई | एसआई की खुदाई में 21वीं सदी में मंदिर के साक्ष्य मिले | सीजेआई ने कहा की खुदाई के साक्ष्यों को अनदेखा नहीं कर सकते हैं | खुदाई में इस्लामिक ढांचे के सबूत नहीं मिले थे | सीजेआई ने कहा है कि एएसाई की खुदाई में जो चीजें मिली हैं उसे हम खारिज नहीं कर सकते हैं | सीजीेआई ने कहा कि आस्था और विश्वास पर कोई सवाल नहीं है | सीजेआई ने कहा श्रीराम का जन्म अयोध्या में ही हुआ था इसमें कोई शक नहीं है | सुप्रीम कोर्ट ने रामलला को कानूनी मान्यता दी | सीजेआई ने यह भी कहा कि अंग्रेजों के आने से पहले हिंदू वहां राम चबूतरे और सीता रसोई पर पूजा होती रही थी |