” इकतारा ” हमारा परंपरागत वाद्ययंत्र है | गाहे बगाहे ही ना केवल यह देखने को मिलता है ,बल्कि इसकी धुन भी सुनाई देती है | इस राजस्थानी लोक कलाकार ने जब ” इकतारा ” छेड़ा , तो राहगीरों के कदम थम गए | आप भी सुनिए मंत्रमुग्ध कर देने वाले इस ” इकतारा ” के धुन को |