सीमेंट के दामों पर रातो रात बेतहाशा वृद्धि, चुनावी चंदे के कारण दाम बढ़ाने की आयी नौबत |

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 रायपुर /  छत्तीसगढ़ में सीमेंट की कीमतों पर रातो रात ज़बरदस्त बढ़ोतरी कर दी गयी | विभिन्न ग्रेडों की सीमेंट की बोरियां 15 से 25 रूपये तक महँगी हो गयी है | छत्तीसगढ़ में सभी नामी गिरामी कंपनियों की सीमेंट का निर्माण होता है | राज्य के विभिन्न जिलों में फैक्ट्रियां चौबीस सौ घंटे सीमेंट का निर्माण कर रही है | इससे होने वाले प्रदूषण का सामना भी आम जनता को करना पड़ रहा है | इसके बावजूद भी राज्य के लोगो को महँगी सीमेंट मुहैया होगी | प्राप्त जानकारी के अनुसार राज्य सरकार ने अपने संसाधनों को लेकर सीमेंट उत्पादक कंपनियों पर किसी भी तरह का नया टैक्स लगाया है और ना ही पुराने टैक्स में कोई बढ़ोतरी की है | इसके बावजूद भी राज्य के लोगो को महँगा सीमेंट मुहैया होगा | जबकि दूसरी ओर भारत सरकार के केंद्रीय करो में भी कोई वृद्धि नहीं हुई है | बल्कि औद्योगिक इकाइयाँ को कई मामलो में करो में छूट दी गयी है | इन सबके बावजूद सीमेंट कंपनियों ने अपने उत्पादों पर जमकर बढ़ोतरी की है | यह बढ़ोतरी कही सिंडिकेट तो कही कार्टेल बना कर की गयी है | वैसे तो नए वित्तीय वर्ष में सीमेंट कम्पनियाँ अपना दाम बढ़ा देती है | लेकिन पिछले वित्तीय वर्ष  में सीमेंट कंपनियों ने हर माह दाम बढ़ाया है | लेकिन अब लोक सभा चुनाव के मद्देनज़र इन कंपनियों ने सीमेंट के दामों में बेतहाशा वृद्धि कर लोगो को सोचने पर मजबूर कर दिया है | 

बताया जाता है कि सीमेंट के दामों में हुई ज़बरदस्त वृद्धि से रियल एस्टेट और आम लोगो को तगड़ा झटका लगा है | कई निर्माण कार्य अभी से ही ठप्प पड़ने लगे है | गैर वाजिब तरीके से सीमेंट के दाम बढ़ जाने से कई माध्यम वर्गी परिवारों ने भी अपने यहाँ चल रहे निर्माण कार्यों को रोक दिया है | आने वाले दिनों में इसका असर रियल एस्टेट  पर भी पड़ने के आसार है | उधर सीमेंट उत्पादन कंपनियों के संगठन के एक पदाधिकारी ने अपना नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि राजनैतिक दलों को मोटा चंदा देने के चलते राज्य में सीमेंट के दामों में सामान्य से ज्यादा वृद्धि की गयी है | इस शक्श ने यह भी बताया कि सिर्फ छत्तीसगढ़ ही नहीं बल्कि पड़ोसी राज्यों में भी सीमेंट उत्पादक कंपनियों को चुनावी चंदे के रूप में मोटी रकम देनी पड़ी है | उसके चलते सीमेंट के दामों में वृद्धि करने का फैसला लिया गया है | फिलहाल देखना होगा कि छत्तीसगढ़ सरकार सीमेंट उत्पादक कंपनियों पर कैसे लगाम लगाती है |