सामूहिक कन्या विवाह में सरकारी खर्चे की हुई बंदरबांट , सामाजिक संगठन के पदाधिकारियों ने लूटी वाहवाही |

0
4

उपेंद्र डनसेना रायगढ़. [Edited By: शशिकांत साहू]   

  रायगढ़ में मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजनांतर्गत 30 से अधिक जोड़ो का विवाह संपन्न हुआ | गायत्री मंदिर में एकीकृत बाल विकास योजना शहरी व ग्रामीण के सानिध्य में किया गया | जिसके अंतर्गत वर – कन्याओं का मंदिर परिसर में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ विवाह कराया गया |  जिसमें विभाग के लोगों के अतिरिक्त समाज के अनेक लोगों ने भी अपनी भूमिका व सहयोग का निर्वहन किया । सरकारी खर्चे पर निर्धन कन्या विवाह कराने के मामले में सामाजिक संस्थाओं ने अपने आपको महिमा मंडित करते हुए दानवीर की भूमिका निभाने का ठिंठोरा पीटा है ।     

             जबकि राज्य सरकार की तरफ से निर्धन कन्या विवाह संपन्न कराने के नाम पर पर्याप्त राशि का आबंटन जोड़ो के हिसाब से किया जाता है , लेकिन महिला बाल विकास की देखरेख में संचालित इस प्रकार के समारोह में समाजसेवी संगठनों को बुलाकर न केवल उनसे जोड़ो के लिए राशि ली जाती है | बल्कि कई महत्वपूर्ण सामान भी लेकर उन्हें  फोटो खिचवाने के लिए पूरा मौका दिया जाता है । इस पूरे कार्यक्रम में समाजसेवी संगठनों के पदाधिकारियों द्वारा अपने-अपने स्तर पर मदद की जाती है |  जिसके चलते सरकारी खर्चे का हिसाब किताब पूरी तरह गायब हो जाता है । इस बार भी रायगढ़ के गायत्री मंदिर में हुए 30 से अधिक जोड़ो का विवाह संपन्न कराया गया और इसमें भी समाजसेवी संगठनों को विभाग के अधिकारियों द्वारा बुलाने के बाद कन्या दान से लेकर दहेज के अन्य सामान भी बटोर लिए ।  

रायगढ़ दानवीर स्व. किरोड़ीमल के नाम से पूरे भारत में प्रसिद्ध है और यहां के दानवीर लोग समाजसेवा के हर काम में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते है  | लेकिन  बीते कई दिनों से छोटे-छोटे कार्यक्रमों से लेकर अन्य बडे कार्यक्रमों में समाजसेवी संगठन के पदाधिकारी सम्मिलित होकर खुद को महिमा मंडित करने से नही चूक रहे हैं इतना ही नही किसी भी कार्यक्रम में अपंजीकृत संगठन के पदाधिकारी फोटो खिचवाकर अखबार की सुर्खियां बनते है |  लेकिन हकीकत में जिस कार्यक्रम में वे हिस्सा लेकर खुद का बखान करते हैं वहां पहले से ही कई संगठन के पदाधिकारी अपना दावा कर चुके रहते हैं । 


          इस बार भी सामुहिक निर्धन कन्या विवाह के दौरान भी यही देखने को मिला। अफरा-तफरी के बीच छोटे से गायत्री मंदिर में एक साथ 30 से अधिक जोडो की शादी कराने के लिए महिला बाल विकास विभाग ने खानापूर्ति कर ली और इनको दी जाने वाली राशि तथा अन्य सामानों में भी गोलमाल करके अपनी जेबे भर ली । चूंकि बडी संख्या में समाजसेवी संगठनों ने हर जोडे का जिम्मा लेकर  कन्या दान तक कर दिया और ऐसे में सरकारी खर्च कहां हुआ इसकी जानकारी विभाग का कोई अधिकारी नही दे रहा है । इतना ही नही इस विवाह समारोह के संपन्न होनें के बाद दूसरे दिन के अखबार में कुछ समाजसेवी संगठन पूरी शादी में अपना योगदान का ठिठोरा पीटने से भी नही चुके ।  


      कांग्रेसी नेता व निगम पार्षद संजय देवांगन ने कहा कि सामूहिक निर्धन कन्या विवाह के कार्यक्रम में इस बार जिले के कांगे्रसी पदाधिकारियों को विभागीय अधिकारियों ने जानकारी तक नही दी और पुरानी लिस्ट के आधार पर ही भाजपाईयों को ही समारोह में आमंत्रित करके कार्यक्रम को संपन्न करा लिया गया है |  उन्होंने बताया कि शिकायत मुख्यमंत्री को की जाएगी और पूरे समारोह में किए गए खर्चे में भी बडी बंदरबांट हुई है इसकी जांच की मांग भी संबंधित अधिकारियों से की जाएगी ।


            छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना काफी कामयाब और लोकप्रिय साबित हुई है | इस योजना के तहत सजने वाला विवाह मंडप बारातियों ,घरातियों , मेहमानो , अफसरों और राजनेताओ से खचाखच भरा होता है | विवाह के मौके पर होने वाली फिजूलखर्ची से बचने के लिए भी की जोड़े इस सामूहिक विवाह में परिणय सूत्र में बंधते है |