विधान सभा के दूसरे दिन जमकर हंगामा ,विपक्ष ने किया वॉकआउट |

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   विधानसभा के बजट सत्र के दूसरे दिन आज सदन की कार्यवाही के दौरान  टेंडर निरस्त होने के मुद्दे पर जमकर हंगामा हुआ |  सत्तापक्ष के जवाबों से असंतोष व्यक्त करते हुए विपक्ष ने हंगामे के बीच वाकआउट कर लिया | विपक्ष ने सरकार पर विकास कार्य ठप्प करने का आरोप लगाया | नेता प्रतिपक्ष  धरमलाल कौशिक ने सवाल करते हुए कहा कि विधानसभा चुनाव के  हले जितने कार्य स्वीकृत हुए हैं |  आदेश के बाद जो काम रुका हुआ है | ऐसे कितने विभाग के काम रुके हैं |  ये सभी काम कब तक पूरे होंगे | नेता प्रतिपक्ष के सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि पिछली सरकार ने आनन फानन में चुनाव के पहले टेंडर जारी किए थे | उन्होंने कहा कि  चुनाव फायदा लेने के लिए, लेकिन आचार संहिता लगने के बाद कई काम शुरू नहीं हो सके |  नई सरकार की अलग प्राथमिकता है | राज्य बजट से पोषित निर्माण कार्यों के लिए ही हमने कहा है कि वित्त की दोबारा स्वीकृति से काम शुरू होगा  |  परीक्षण करने के बाद ही स्वीकृति जारी करेंगे |          

 पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने कहा कि प्राधिकरण क्षेत्र के कामों को प्राथमिकता देना चाहिए |  रमन सिंह ने कहा कि जिन कामो को निरस्त किया गया, उनमें से कई महत्वपूर्ण काम ऐसे हैं, जिन्हें बस्तर विकास प्राधिकरण, सरगुजा विकास प्राधिकरण की बैठक में स्वीकृत किये गए थे |  जिनके लिए बजट में प्रावधान किया जा चुका था | बृजमोहन अग्रवाल ने प्रश्न करते हुए कहा कि टेंडर निरस्त के कारण विकास के काम रोके गए हैं. जहाँ सरकार का पैसा भी नही लगा है |  रूटीन के काम को भी रोका गया  है |  इस पर सत्ता पक्ष ने जमकर हंगामा किया |  सत्तापक्ष ने कहा कि टेंडर में जमकर घोटाला किया गया है |  इस पर सीएम ने जवाब दिया कि स्काई वाक जैसे कई योजनाएं है जिसकी समीक्षा की जाएगी |  जो राज्य के बजट से टेंडर किया गया है केवल वही रोका गया है प्रस्ताव के साथ स्वीकृति दी जाएगी |  

            जिस पर कांग्रेसी विधायक सत्यनारायण शर्मा ने विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा कि जब काम स्वीकृत किये गए थे तब जमकर कमीशनखोरी की गई थी |  इसके बाद अमरजीत भगत के बयान के बाद समूचा विपक्ष भड़क गया और सदन में जमकर हंगामा मचाने लगे |  भगत ने पिछली सरकार पर कमीशनखोरी का गंभीर आरोप लगाया था | अमरजीत भगत ने कहा कि पिछली सरकार में कमीशन लिए बगैर कोई काम ही नही होता था | उन्होंने कहा कि जो टेंडर हुए थे इसके पैसे वापस करना पड़ रहा है   |  इस  इस वजह से विपक्ष परेशान है |  अजय चंद्रकार के विभाग और विधानसभा में बिना पैसे दिए कोई काम नही होता था |  इस पर विपक्ष ने भी जमकर हंगामा किया | हंगामे में बाद आसंदी ने कहा कि प्रश्नकाल में जो हंगामा करेगा उस पर कार्यवाही की जायेगी |  इस पर मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने  कहा कि  इस तरह से सत्ता पक्ष  के द्वारा गलत आरोप लगाया जा रहा है इस से सदन नही चलाया जा सकता है |  

           दुर्ग विधायक अरुण वोरा ने सवाल उठाते हुए कहा कि 2016-017 में हेलीकॉप्टर के जो टेंडर निरस्त किये गए थे |  इसके पीछे वजह क्या थी |  इस पर जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि ढिल्लन एवियेशन, पवनहंस, हेलिगे चार्टर लिमिटेड, इंडिया फलाई सेफ्टी एविएशन और थंबी एविएशन को हेलिकाप्टर के लिए टेंडर दिया गया था । लेकिन, ढिल्लन को छोड़कर बाकी कंपनियों का शर्ते पूरी न करने की वजह से टेंडर निरस्त कर दिया गया  । इस टेंडर में अधिक राशि नही दी गयी है |  मुख्यमंत्री ने बताया कि ढिल्लन एवियेशन को 29 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया । इस पर कांग्रेस के मोहन मरकाम ने कहा कि इतने पैसे में नए हेलिकाप्टर खरीदे जा सकते थे । मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस विभाग ने किराये के हेलिकाप्टर पर 48 करोड़ रुपए खर्च कर डाले हैं । उन्होंने माना कि यह फिजूलखर्ची है । इस पर हमारी सरकार विचार करेगी । मुख्यमंत्री के जवाब से विधायक असंतुष्ट नजर आए |