विधानसभा में श्रम मंत्री शिव डहरिया और पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर के बीच जमकर तीखी नोकझोंक |

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        विधानसभा में बजट सत्र की कार्यवाही शुरू होने के साथ ही हंगामा मच गया । विधानसभा में आज श्रम मंत्री शिव डहरिया और पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर में आज एक बार फिर टकराव की स्थिति बन गयी । दोनों के बीच तीखी नोंक-झोंक हुई, जिसके बाद सदन का माहौल कुछ देर के लिए गरमा गया । दरअसल हुआ यूं कि प्रश्नकाल में हुडको की जमीन को लेकर देवेंद्र यादव के सवाल के दौरान पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर अपनी सीट पर खड़े हो गए और कहा कि आपका सवाल मंत्री के सर के उपर से निकल गया, जिसके बाद नाराजगी जाहिर करते हुए मंत्री शिव डहरिया ने अपनी सीट पर खड़े होते हुए कहा कि आप क्यों खड़े हो जाते हैं । आपको पहले भी बताया था । आप बार-बार खड़े हो जाते हैं । मंत्री मैं हूं, मैं जवाब दूंगा । आप क्यों खड़े हो रहे हैं । मंत्री की नाराजगी के बाद अजय चंद्राकर अपनी सीट पर बैठ गये ।

         इसी तरह अगले सवाल में श्रम कार्ड को लेकर धरमलाल कौशिक के पूछे गये सवाल के बाद पूरक सवाल पूछते हुए अजय चंद्राकर ने पूछा कि श्रमिक कार्ड को लोक सेवा गारंटी योजना के तहत रखा गया है, जिसके तहत 15 दिनों के भीतर श्रमिक कार्ड बनना था, लेकिन कईयों का कार्ड 15 दिन के बाद बना, क्या उन अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी, जिन्होंने समय सीमा के भीतर कार्ड नहीं बनाया है  | इसके जवाब में एक बार फिर मंत्री शिव डहरिया और अजय चंद्राकर के बीच टकराव की स्थिति निर्मित हो गयी । श्रम मंत्री ने तल्ख लहजे में कहा कि किन-किन श्रमिकों का कार्ड नहीं बना है, उसकी जानकारी दे दें , एक भी ऐसा नहीं है , सिर्फ भाषण देने से नहीं होता | जवाब के बाद अजय चंद्राकर उखड़ गये और आसंदी से मंत्री को संयमित करने की मांग की । उन्होंने इस तरह की बातें वो दूसरी बार कह रहे हैं , यहां वो भाषण नहीं दे रहे हैं, बल्कि जानकारी मांग रहे हैं । नोंकझोंक से सदन का माहौल कुछ देर के लिए गरम हो गया ।

       प्रश्नकाल के दौरान ही जमकर हंगामा हुआ,  विपक्ष ने नारेबाजी करते हुए सदन से वॉकआउट कर लिया | मजदूरों के लंबित भुगतान और उद्योगपति बचाने के मुद्दे पर सदन में आज सत्ता पक्ष और विपक्ष में तीखी नोंकझोंक हुई । विपक्ष ने आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार उद्योगपतियों को संरक्षण दे रही है  | विधायक सौरभ सिंह ने सवाल उठाते हुए कहा कि अकलतरा में सांई लीलागर में  विद्युत संयत्र में कार्यरत मजदूरों एवं कर्मचारियों का भुगतान लबिंत है |  उन्होंने आरोप लगाया कि संयत्र के मजदूरों का 57 लाख रुपये बकाया है और प्लांट का मालिक उन मजदूरों का भुगतान नहीं कर रहा है ।  इस पर मंत्री शिव डहरिया ने कहा कि 125 लोगों का भुगतान किया गया है |  जो बचा है उसका 2 फ़रवरी 019 को प्रकरण  कोर्ट में दर्ज किया गया है | मंत्री शिव डहरिया के बार-बार कार्रवाई करने के आश्वासन पर भी विपक्ष संतुष्ट नहीं हुआ, इस दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष में तीखी नोंक झोंक हुई और फिर भारतीय जनता पार्टी के विधायकों ने वाकआउट कर दिया।