उपेंद्र डनसेना रायगढ़. [Edited By: शशिकांत साहू]
विधानसभा चुनाव रायगढ़ के सभी सीटों में दर्ज करने के बाद अब कांग्रेस लोकसभा की तैयारी में जुट गई है | रायगढ़ लोकसभा में 8 विधानसभा सीटे शामिल है , जिनमें पांच रायगढ़ जिले से और 3 जशपुर जिले की विधानसभा सीटें शामिल है । रायगढ़ लोकसभा सीट अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए आरक्षित है | रायगढ़ जिले का रायगढ़ शहर अपने कोयले के भंडरों और बिजली उत्पादन के लिए मशहूर है | यह देश का बड़ा लोहा-स्टील का उत्पादक भी है | छत्तीसगढ़ के निर्माण से पहले 1952 से 1999 तक रायगढ़ लोकसभा क्षेत्र मध्य प्रदेश के अंतर्गत आता था | मदन सिंह ने रायगढ़ राज्य की स्थापना की थी | आजादी के बाद पहली बार 1952 हुए चुनावों के बाद से अब तक इस सीट पर 16 बार में से 1999, 2004, 2009 और 2014 के चुनावों में बीजेपी का ही कब्जा रहा | पिछले चार बार से विष्णुदेव साय इस सीट से बीजेपी के टिकट पर लड़ते और लगातार जीत हासिल करते आ रहे हैं | पिछले लोकसभा चुनाव में तो उन्होंने पौने दो लाख से भी अधिक मतों से जीत हासिल करके रिकार्ड बनाया था ।
इस बार कांग्रेस के नेताओं का यह दावा है कि जिस प्रकार रायगढ़ जिले की पांच विधानसभा सीट व जशपुर जिले की तीनों विधानसभा सीट पर उनके प्रत्याशियों ने जीत का परचम लहराकर यह साबित कर दिया है कि इस बार रायगढ़ लोकसभा में भी कांग्रेस का प्रत्याशी जीत हासिल करेगा । उनके मुताबिक परिस्थितियां न केवल बदली है बल्कि आम मतदाता भी कांग्रेस के पक्ष में मतदान करने के लिए तैयार हैं, चूंकि युवा मतदाता से लेकर महिला मतदाता के साथ-साथ किसानों ने भी कांगे्रस की सरकार बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी | इस बार भी युवाओं को फोकस करने के लिए एनएसयूआई द्वारा बेहतर भारत कार्यक्रम के जरिए युवाओं को एकजुट किया है ।
राजीव भवन में आदिवासी कांग्रेस की बैठक में शामिल हुए मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय आदिवासियों की वनभूमि से बेदखली के मामले में 10 जुलाई तक लगी रोक की सूचना देते हुए कहा कि उनकी सरकार आदिवासियों और परंपरागत रूप से जंगल में रहने वालों के साथ खड़ी है । रायपुर में राजीव भवन में आदिवासी कांग्रेस की बैठक में मुख्यमंत्री शामिल हुए । इस दौरान आदिवासी कांग्रेस के नेताओं ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को भरोसा दिलाया वे सभी 11 सीटें राहुल गांधी की झोली में डालेंगे । प्रदेश अध्यक्ष अमरजीत भगत ने कहा कि एट्रोसिटी एक्ट की ही तरह वन अधिकार पट्टों के मामले में परंपरागत रूप से जंगलों में रह रहे लोगों के मामले में मोदी सरकार ने अपने उद्योग समर्थक और गरीब विरोधी चरित्र को उजागर किया । भाजपा की केंद्र सरकार ने लगातार समाज के सभी वर्गों को नुकसान पहुंचाने का काम किया है और अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग के लोग तो खासकर भाजपा के निशाने पर रहे हैं ।