गेंदलाल शुक्ला |
कोरबा । छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत मण्डल को विघटित कर गठित की गयी पांच कंपनियों का पुर्नगठन किया जा रहा है । इस प्रक्रिया के बाद राज्य में केवल तीन कंपनियां शेष रह जायेगी । जबकि दो कंपनियां विलोपित हो जाएंगी । यह जानकारी विद्युत होल्डीग कंपनी के चेयरमैन शैलेन्द्र शुक्ला ने दी है ।
उन्होंनें बताया कि बिजली कंपनी के पुर्नगठन में होल्डीग और ट्रेडिग कंपनी को समाप्त कर केवल उत्पादन, वितरण और ट्रांसमिशन कुल तीन कंपनी रखी जाएंगी । उन्होंने बताया कि पुर्नगठन प्रक्रिया का प्रजेंटेशन दिया जा चुका है । लगभग सभी बातें तय कर ली गयी है । अब केवल पुर्नगठन प्रक्रिया शेष रह गयी है । उल्लेखनीय है कि वर्ष 2009 में छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत मण्डल को विघटित कर पांच कंपनियों का गठन किया गया था । उसी समय से बिजली कंपनी के अधिकारी-कर्मचारी इसके एकीकरण की मांग कर रहे थे । उन्होंने बताया कि कोरबा में सौर उर्जा संयंत्र स्थापना की भी योजना बनायी जा रही है । कोरबा पश्चिम के हसदेव ताप विद्युत गृह परिसर मे 20 मेगावाट का सोलर प्लांट लगाया जाएंगा । उन्होंने प्रस्तावित स्थल का निरीक्षण भी किया है । उन्होंने बताया कि इसी तरह कोरबा पूर्व प्लांट में भी 40 मेगावाट क्षमता का सोलर प्लांट लगाया जाएगा । नया प्लांट लगाने के लिए पहले यहां बंद हो चुके पुराने पॉवर प्लांट के मशीन व स्क्रेप को बाहर निकाला जाएगा ।
ज्ञात हो कि कोरबा जिले में प्रदूषण की गंभीर स्थिति को देखते हुए एनजीटी ने यहां प्रदूषण फैलाने वाले नए उद्योगों की स्थापना पर रोक लगा रखी है । यही कारण है कि अब जेनरेशन कंपनी को भी सोलर एनर्जी प्लांट लगाने पर विचार करना पड़ रहा है । कोरबा पूर्व प्लांट 50 वर्ष से अधिक पुरानी है । वर्तमान में यहां 120-120 मेगावाट की दो इकाई उत्पादन में है, जो अपने अंतिम दौर में है । 50-50 मेगावाट की चार यूनिट को प्रदूषण कारणों से अपने अंतिम दौर में है । 50-50 मेगावाट की चार यूनिट को प्रदूषण कारणों से पहले ही बंद कर दिया गया है ।
