उपेंद्र डनसेना /
रायगढ़ / रायगढ़ वन मंडल व धरमजयगढ़ वन मंडल में बढ़ते जंगली हाथियों की संख्या पर नजर रखने के साथ साथ जंगली हाथियों के उत्पात से होने वाली मौतों को रोकने के लिए वन विभाग अब एक प्लान बना रहा है। जिसके तहत प्रशिक्षित हाथियों के जरिए उनकी गतिविधियों पर नजर रखने के साथ साथ ग्रामीण इलाकों में इनका प्रवेश न हो पाए और वे जंगल तक ही सीमित रहे इसके लिए विशेष पहल की जाएगी।
रायगढ़ वन मंडल में मात्र दस से पंद्रह हाथी विचरण कर रहे हैं और यहां के दल ने अब तक कोई जनहानि नहीं की है। वहीं धरमजयगढ़ वन मंडल में लगातार हाथियों के द्वारा जनहानि की जा रही है और एक साल के भीतर करीब आधे दर्जन से अधिक लोगों को मार डाला है। रायगढ़ वन मंडलाधिकारी का कहना है कि जिले में इन जंगली हाथियों के बढ़ते उत्पात को रोकने के लिए एक प्लान के तहत काम किया जाएगा। चुंकि अब तक रायगढ़ वन मंडल में ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों के घर तथा उनके फसलों का नुकसान जंगल हाथियों के द्वारा किया गया है, लेकिन बतौर सावधानी हाथियों के दल पर लगातार निगरानी रखी जा रही है। साथ ही साथ राज्य स्तर पर इनके बढ़ते आतंक को रोकने के लिए प्रशिक्षित हाथियों के माध्यम से पहल की जाएगी और यह योजना राज्य सरकार के अनुमति मिलने के बाद धरमजयगढ़ व रायगढ़ वन मंडल में लागू की जाएगी। वन मंडलाधिकारी मनोज पांडे का कहना है कि हाथियों के कारीडोर बनाने पर भी विचार किया जा रहा था, लेकिन इनके एक जगह नहीं रहने से घटनाओं में वृद्धि होती है।
